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Layoffs: ये वो पांच कारण जिनकी वजह से Tech कंपनियां बड़े पैमाने पर कर रही हैं छंटनी

Tech Layoffs: छोटी कंपनियां छोड़िए, अब बड़ी से बड़ी और दुनिया में नाम कमा रही कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही है। कर्मचारियों के लिए यह सर्दी का मौसम कुछ अच्छी खबर नहीं लेकर आ रहा है। कई तकनीकी कंपनियों ने कम समय में बड़े पैमाने पर छंटनी का विकल्प चुना है। लोगों को […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Nov 19, 2022 13:28
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Tech Layoffs: छोटी कंपनियां छोड़िए, अब बड़ी से बड़ी और दुनिया में नाम कमा रही कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही है। कर्मचारियों के लिए यह सर्दी का मौसम कुछ अच्छी खबर नहीं लेकर आ रहा है। कई तकनीकी कंपनियों ने कम समय में बड़े पैमाने पर छंटनी का विकल्प चुना है। लोगों को उनके सपनों की नौकरी से निकाला जा रहा है। मेटा से अमेजन तक, छंटनी खतरनाक दर पर हो रही है। क्लब में शामिल होने वाला नवीनतम अमेजन है। इस टेक दिग्गज ने पिछले सप्ताह 10,000 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया था। अन्य प्रमुख टेक कंपनियों, जैसे मेटा, ट्विटर, स्नैप और माइक्रोसॉफ्ट ने भी नौकरी में कटौती करने का फैसला किया है।

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बड़े पैमाने पर छंटनी क्यों?

यहां सवाल यह है कि अचानक ये बड़ी टेक कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी क्यों कर रही हैं? इसको लेकर हम पांच ऐसी वजह लेकर आए हैं, जिनसे यह कंपनियां प्रभावित नजर आ रही हैं। इसी कारण यह छटनी पर जोर दे रही हैं।

  • महामारी: महामारी के दौरान, मांग में उछाल आया क्योंकि लोग लॉकडाउन में थे और वे इंटरनेट पर बहुत समय बिता रहे थे। समग्र खपत में वृद्धि देखी गई जिसके बाद कंपनियों ने बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने उत्पादन में वृद्धि की।
  • महामारी के दौरान ओवर हायरिंग: मांगों को पूरा करने के लिए कई तकनीकी कंपनियों ने महामारी के बाद भी उछाल जारी रहने की आशंका जताते हुए काम पर रखा। हालांकि, जैसे-जैसे प्रतिबंधों में ढील दी गई और लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना शुरू किया, काम गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप इन बड़ी टेक कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। इनमें से कुछ संसाधनों को मांग में अचानक वृद्धि के कारण उच्च कीमत पर नौकरी पर रखा गया था।

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  • मंदी का डर: चूंकि मांग पूर्व-कोविड स्तर पर वापस आ रही है और कर्ज बढ़ने और मंदी के डर को देखते हुए, ये कंपनियां कम चलने वाली परियोजनाओं को बंद करके और विकास को गति देने के लिए किराए पर लिए गए अतिरिक्त और उच्च लागत वाले संसाधनों को बंद करके अपनी लागत में कटौती कर रही हैं।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध: युद्ध ने भी इन छंटनी में अपने जाने-अनजाने योगदान दिया है क्योंकि इसने बाजार को और अधिक अस्थिर बना दिया है।
  • मुद्रास्फीति: बढ़ती महंगाई ने कई विश्व अर्थव्यवस्थाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है जिससे नौकरी के बाजार में भी संकट पैदा हो गया है। दुनिया इस समय इन सभी उतार-चढ़ावों से उबरने के लिए एक रीसेट बटन दबा रही है।

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Written By

Nitin Arora

First published on: Nov 19, 2022 12:04 PM

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