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भारत की थोक मुद्रास्फीति अगस्त में 12.41% तक कम हुई, सरकार ने जारी किया डेटा

नई दिल्ली: भारत की थोक मुद्रास्फीति अगस्त में 12.41 प्रतिशत तक कम हो गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आंकड़ा जारी किया है। जुलाई के महीने में थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 13.93 प्रतिशत हो गया था, जबकि जून के लिए WPI को 15.18 प्रतिशत से संशोधित कर 16.23 प्रतिशत कर दिया गया था। वहीं, […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Sep 15, 2022 11:55
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नई दिल्ली: भारत की थोक मुद्रास्फीति अगस्त में 12.41 प्रतिशत तक कम हो गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आंकड़ा जारी किया है। जुलाई के महीने में थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 13.93 प्रतिशत हो गया था, जबकि जून के लिए WPI को 15.18 प्रतिशत से संशोधित कर 16.23 प्रतिशत कर दिया गया था। वहीं, अगस्त 2021 में WPI 11.64 फीसदी था।

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थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों में ढील के बावजूद WPI अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार 17वें महीने दोहरे अंकों में बना हुआ है। सरकार द्वारा जारी आंकडों के अनुसार, अगस्त, 2022 में मुद्रास्फीति मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, बिजली, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि से योगदान करती है।

आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में खाद्य पदार्थ में 12.37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इससे पहले के महीने में यह 10.77 फीसदी था। महीने-दर-महीने बढ़ोतरी को सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

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अगस्त में सब्जियों की कीमतों में 22.29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि जुलाई में यह 18.25 फीसदी थी। आलू की कीमतें 43.56 प्रतिशत तक बढ़ गईं जबकि प्याज की कीमतें (-) 24.76 प्रतिशत गिर गईं। फलों की कीमतों में पिछले महीने जुलाई में 29.44 प्रतिशत से 31.75 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दूध की कीमतें एक महीने पहले 5.45 प्रतिशत से घटकर 4.78 प्रतिशत हो गईं। अगस्त में अंडे, मांस और मछली की कीमतों में 7.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक महीने पहले 5.55 प्रतिशत थी और अनाज पिछले महीने 9.76 प्रतिशत से बढ़कर 11.77 प्रतिशत हो गया था।

ईंधन और बिजली पिछले महीने जुलाई में 43.75 प्रतिशत से घटकर 33.67 प्रतिशत हो गया। पेट्रोल की कीमतें एक महीने पहले 55.30 फीसदी से घटकर 38.68 फीसदी हो गईं, एचएसडी (हाई-स्पीड डीजल) 72.41 फीसदी से 60.15 फीसदी पर आ गई, जबकि एलपीजी की कीमतें 32.00 फीसदी से घटकर 19.75 फीसदी हो गईं।

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विनिर्मित उत्पाद खंड अगस्त में घटकर 7.51 प्रतिशत पर आ गया, जो एक महीने पहले 8.16 प्रतिशत था। इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक अलग डेटा में देश की खुदरा मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई, अपने तीन महीने के डाउनट्रेंड से बाहर निकल गई और अगस्त के महीने में 7.00 प्रतिशत बढ़ी।

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Edited By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Sep 14, 2022 01:34 PM

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