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भारत बनेगा दुनिया का नया इनोवेशन हब, इंफोसिस के सह-संस्थापक ने की बड़ी भविष्यवाणी

क्या भारत दुनिया का नया इनोवेशन हब बन सकता है? इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को पूरा भरोसा है कि भारत 2035 तक 10 लाख स्टार्टअप्स वाला देश बन जाएगा। उनके अनुसार, डिजिटल इंडिया, युवाओं का जोश और टेक्नोलॉजी भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 11, 2025 17:28
India startups future
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क्या आप सोच सकते हैं कि आने वाले कुछ सालों में भारत “स्टार्टअप्स का सुपरपावर” बन सकता है? इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को पूरा भरोसा है कि भारत 2035 तक 10 लाख स्टार्टअप्स वाला देश बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह 2015 में सिर्फ 2,000 स्टार्टअप थे और आज 1.5 लाख हो गए हैं, उसी रफ्तार से आगे बढ़ते हुए हम नया इतिहास रच सकते हैं। डिजिटल इंडिया की मजबूत नींव, युवाओं की जोशभरी सोच और टेक्नोलॉजी का साथ मिलकर भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।

2035 तक 10 लाख स्टार्टअप का लक्ष्य

इंफोसिस के सह-संस्थापक और आधार कार्ड बनाने वाले नंदन नीलेकणि ने भारत के भविष्य को लेकर एक खास बात कही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत स्टार्टअप के मामले में दुनिया में सबसे आगे हो सकता है। नीलेकणि का कहना है कि साल 2035 तक भारत में 10 लाख स्टार्टअप हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि 2015 में हमारे देश में सिर्फ 2,000 स्टार्टअप थे। लेकिन अब यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है और करीब 1.5 लाख स्टार्टअप हो चुके हैं। नीलेकणि ने बताया कि हर साल स्टार्टअप की संख्या 20% की रफ्तार से बढ़ रही है। अगर यह रफ्तार ऐसे ही चलती रही, तो 2035 तक भारत में 10 लाख यानी एक करोड़ स्टार्टअप बन सकते हैं। वे हाल ही में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम अर्कम वेंचर्स की वार्षिक बैठक थी। वहां उन्होंने बताया कि भारत का डिजिटल सिस्टम और युवाओं की मेहनत, दोनों मिलकर यह बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप का बढ़ना देश की अर्थव्यवस्था (इकोनॉमी) के लिए बहुत अच्छा है। इससे नए आइडिया, नए बिजनेस और लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है। नीलेकणि को लगता है कि भारत में टेक्नोलॉजी और डिजिटल सुविधा इतनी बढ़ रही है कि आने वाले सालों में भारत दुनिया का स्टार्टअप हब बन सकता है।

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डिजिटल इंडिया बना स्टार्टअप का आधार

नीलेकणि ने कहा कि भारत में एक “वर्चुअस साइकिल” चल रही है जिसमें एक सफल स्टार्टअप कई और स्टार्टअप की प्रेरणा बनता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे UPI और आधार जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने देश में टेक्नोलॉजी क्रांति लाई, वैसे ही अब स्टार्टअप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अगली बड़ी लहर हैं। उन्होंने बताया कि WhatsApp के 600 मिलियन, UPI के 400 मिलियन और PhonePe के 350 मिलियन से ज्यादा यूजर हैं, जिससे साफ है कि डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत हो चुका है।

चार ‘अनलॉक’ से बदलेगा देश का भविष्य

नीलेकणि ने आगे बताया कि भारत के पास अब आगे बढ़ने के लिए चार बड़ी ताकतें हैं टेक्नोलॉजी (तकनीक), पूंजी (पैसा), एंटरप्रेन्योरशिप (नया बिजनेस शुरू करने की भावना) और औपचारिकरण (सिस्टम के अंदर आना)। ये चारों चीजें मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को हर साल 8% की रफ्तार से बढ़ा सकती हैं। उन्होंने एक और बड़ी बात कही कि भारत की 50% संपत्ति जमीन में फंसी हुई है, यानी उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं हो रहा। साथ ही उन्होंने बताया कि सिर्फ 13 जिले ही देश की आधी कमाई (GDP) में हिस्सा दे रहे हैं। इसका मतलब यह है कि देश के कई हिस्सों में काफी फर्क है कुछ इलाके बहुत आगे हैं और कुछ काफी पीछे। इसी तरह कुछ लोग बहुत अमीर हैं और बाकी लोगों की कमाई बहुत कम है। इसे क्षेत्रीय असमानता और आय में अंतर कहा जाता है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए नीलेकणि ने कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को GST में लाना चाहिए, जिससे वे सिस्टम में शामिल हो सकें। साथ ही उन्होंने आधार कार्ड से जुड़े लोन सिस्टम को मजबूत करने की बात कही ताकि छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को आसानी से पैसा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे उद्योगों (SMEs) को मजबूत करना बहुत जरूरी है क्योंकि यही देश की रीढ़ हैं और करोड़ों लोगों को रोजगार दे सकते हैं।

ऊर्जा और AI से आएगी अगली क्रांति

नीलेकणि ने यह भी कहा कि आने वाले समय में “ऊर्जा” यानी एनर्जी, एक बड़ी क्रांति ला सकती है। जैसे UPI ने डिजिटल पेमेंट को बदल दिया, वैसे ही एनर्जी के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि “एनर्जी एंटरप्रेन्योर” यानी ऐसे लोग जो ऊर्जा के नए तरीके खोजेंगे या बिजली से जुड़े नए काम शुरू करेंगे वे भारत के आगे बढ़ने की नई कहानी बन सकते हैं। नीलेकणि ने “ओपन एग्री नेटवर्क” की भी तारीफ की जो किसानों को नई जानकारी और सुविधा देगा। इसके अलावा उन्होंने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से बनने वाली शिक्षा योजनाओं की भी सराहना की जिससे बच्चों और छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी। आखिर में नीलेकणि ने कहा “हमने अब तक बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन अभी और आगे जाना है।” उन्होंने कहा कि अगर हम टेक्नोलॉजी, पैसा और नए आइडिया पर ध्यान देते रहें तो भारत एक ऐसा देश बन सकता है जो सबको साथ लेकर चले जहां हर कोई तरक्की करे और खुशहाल जिंदगी जी सके।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Apr 11, 2025 03:36 PM

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