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भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर आज से प्रतिबंध लगाया, घरेलू आपूर्ति को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और चावल के विभिन्न ग्रेड के निर्यात पर 20% शुल्क लगाया। भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा अनाज निर्यातक है। वह अब मानसून की औसत बारिश से कम रोपण के बाद आपूर्ति बढ़ाने और स्थानीय कीमतों को शांत करने की कोशिशों […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Sep 10, 2022 11:41
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नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और चावल के विभिन्न ग्रेड के निर्यात पर 20% शुल्क लगाया। भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा अनाज निर्यातक है। वह अब मानसून की औसत बारिश से कम रोपण के बाद आपूर्ति बढ़ाने और स्थानीय कीमतों को शांत करने की कोशिशों में लगा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यात नीति को ‘मुक्त’ से ‘निषिद्ध’ में संशोधित किया गया है।

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हालांकि, कुछ निर्यातों को 15 सितंबर तक अनुमति दी जाएगी। इनमें वो माल होगा जो इस प्रतिबंध आदेश से पहले लोड हो चुका है। भारत 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात करता है और इसके शिपमेंट में किसी भी कमी से खाद्य कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव बढ़ेगा। यह पहले से ही सूखे, गर्मी की लहरों और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण प्रभावित हैं।

निर्यात पर प्रतिबंध इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा देखा जा रहा है कि इस खरीफ सीजन में धान की बुवाई का कुल क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में कम हो सकता है। इसका असर फसल की संभावनाओं के साथ-साथ आने वाले समय में कीमतों पर भी पड़ सकता है।

सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि यह कदम देश की समग्र खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन के साथ-साथ पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया गया था। भारत सरकार केवल गेहूं के निर्यात को सीमित करने तक ही सीमित नहीं रही। गेहूं के अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद, केंद्र ने गेहूं के आटे के निर्यात और अन्य संबंधित उत्पादों जैसे मैदा, सूजी, साबुत आटा के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

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यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के कारण आपूर्ति में गिरावट आई है और मुख्य खाद्यान्न की कीमतों में तेजी आई है। यूक्रेन और रूस गेहूं के दो प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं और हाल के महीनों में इसकी वैश्विक कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। भारत में भी कीमतों में तेजी है और फिलहाल ये न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।

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Written By

Nitin Arora

Edited By

Manish Shukla

First published on: Sep 09, 2022 01:02 PM

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