Gold Price Update: सोना लगातार मजबूत हो रहा है। बीते कुछ दिनों में ही इसकी कीमतें काफी चढ़ गई हैं। ऐसे में उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो निवेश के लिए सही मौके का इंतजार कर रहे थे। यानी उन्हें उम्मीद थी कि सोना एक बड़ी डुबकी लगाएगा और जब ऐसा होगा वह खरीदारी कर लेंगे। 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 87 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है और जिस तरह की तेजी दिखाई दे रही है, उससे इसके जल्द ही 90 हजार का आंकड़ा छूने की उम्मीद है।
क्या है वजह?
सोना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते महंगा हो रहा है। ट्रंप ने 10 फरवरी से स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगा दिया है। डोनाल्ड ट्रंप का भले ही कहना हो कि उन्होंने अमेरिका में स्टील और एल्युमीनियम इंडस्ट्री को सपोर्ट देने के लिए यह कदम उठाया है, लेकिन इससे दुनिया में एक नई ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका बढ़ गई है। जब भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल होती है, तो सोने में निवेश बढ़ जाता है। जाहिर है जब निवेश बढ़ेगा, तो दाम चढ़ेंगे।
अब क्या संभावना?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने के दामों में आगे तेजी बनी रहेगी। डोनाल्ड ट्रंप हर रोज कोई नया फैसला ले रहे हैं, उनकी नीतियों को लेकर दुनिया में चिंता और डर है। यही डर सोने में निवेश को बढ़ावा देता रहेगा और उसके दाम निकट भविष्य में चढ़ते रहेंगे। इस हफ्ते अमेरिका महंगाई के आंकड़े जारी करेगा। निवेशकों की निगाह अब यूएस कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) और प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) डेटा पर है। यदि महंगाई उम्मीद से कम रहती है, तो यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद को बढ़ जाएगी। इससे डॉलर पर असर पड़ सकता है और सोने की कीमतों उछाल आएगा। लेकिन यदि महंगाई ज्यादा रहती है, तो डॉलर और बॉन्ड यील्ड में मजबूती जारी रहेगी, जिससे सोने की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।
क्या करें निवेशक?
निवेशक अब क्या करें, यह सबसे कठिन सवाल है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन लोगों के पास पहले से ही सोना है, वह थोड़ी मुनाफावसूली कर सकते हैं। खासकर ऐसे निवेशक जिन्होंने पिछले साल दीवाली के आसपास गोल्ड खरीदा था, वह कुछ हिस्सा बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। वहीं, जिन्हें सोना खरीदना है, उन्हें कुछ न कुछ निवेश अभी कर लेना चाहिए, क्योंकि हाल-फिलहाल इसकी कीमतों में बड़ी कमी की उम्मीद कम ही है। ऐसे में उनके लिए आज निवेश करके आगे कमाई का मौका बना रहेगा। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, एक आदर्श इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में 5-10% गोल्ड होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है, तो टुकड़ों में खरीदारी की जा सकती है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
ETF में निवेश बढ़ा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक बड़ी रैली के बाद सोने की कीमतों में जो बड़ी गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप शासन शुरू होने से जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ रही है, जिससे गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा, गोल्ड ETF में बढ़ रहे निवेश से सोने की मांग बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।