Gautam Adani Message Youth : भारतीय बिजनेसमैन और अडानी ग्रुप के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अडानी ने शिक्षक दिवस के मौके पर मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज के स्टूडेंट्स को संबोधित किया। उन्होंने ‘ब्रेकिंग बाउंड्रीज: द पावर ऑफ पैशन एंड अनकन्वेंशनल पाथ्स टू सक्सेस’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की बधाई दी और कहा कि जब देश में विभाजन हो रहा था तब इस जय सिंह कॉलेज की स्थापना हुई थी। यह रिलीजियस और ह्यूमन के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
गौतम अडानी ने आगे कहा कि पाकिस्तान के कराची में स्थित डीजे साइंस कॉलेज के दो विजनरी प्रोफेसरों ने करीब 75 साल पहले इस कॉलेज की स्थापना की थी। एक तरफ देश का बंटवारा हो रहा था, दूसरी तरफ इन शिक्षकों ने कॉलेज की स्थापना करते हुए भविष्य को सुरक्षित रखने का सपना देखा था। उन्होंने युवाओं की शिक्षा पर फोकस किया।
सीमा तोड़कर आगे बढ़ने की शिक्षा दी
उन्होंने कहा कि वे आज यहां से खड़े हैं तो इसके लिए उन टीचरों का विनम्र आभार। गौतम आडानी ने आमंत्रित करने के लिए विक्रम नानकानी को भी धन्यवाद कहा। इस दौरान उन्होंने इस ऐतिहासिक प्लेटफॉर्म से अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज ने लोगों में सिद्धांतों का निर्माण किया और सीमा तोड़कर आगे बढ़ने की शिक्षा दी। इसकी वजह से ही वे भी नए अवसरों की ओर से आगे बढ़े। इसके लिए उन्होंने खुद अपनी सीमा तोड़ दी।
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16 साल की उम्र में पहली बार तोड़ी थी सीमा
गौतम अडानी ने आगे कहा कि उन्होंने 16 साल की उम्र में अपनी पहली सीमा तोड़ी थी। वे पढ़ाई-लिखाई छोड़कर बिजनेस की ओर आगे बढ़े। इस दौरान कई लोगों ने उनसे पूछा कि उन्होंने पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की और मुंबई क्यों चले गए? इस पर गौतम अडानी ने कहा कि इस शहर में उन्हें कुछ करने का साहस था। बिजनेस के लिए मुंबई उनका ट्रेनिंग प्लेस था। मुंबई में बिजनेस करना सीखा और इसी ने बड़ा सोचना सिखाया। अगर किसी को आगे बढ़ना है तो पहले अपनी सीमाओं से परे सपने देखने का साहस करना होगा।
परिस्थितियों को सुधारना कठिन
उन्होंने कहा कि लोग जो सपना देखते हैं, उसी को पूरा करते हैं। जितनी बड़ी सीमाएं तोड़ेंगे, उतनी ही कम्पटीशन कम होती है। परिस्थितियों की निंदा करना आसान है, लेकिन उसे सुधारना काफी कठिन होता है। जो लोग परेशानी और मुश्किलों से नहीं डरते हैं, उन्हें ही जीवन में सफलता प्राप्त होती है।