Jeet Adani, Diva Shah’s Wedding: अरबपति कारोबारी और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने महाकुंभ में जो वचन दिया था, उसे पूरी तरह निभाया। पिछले महीने महाकुंभ की यात्रा के दौरान अडाणी ने कहा था कि उनके बेटे की शादी साधारण और पारंपरिक तरीके से होगी। 7 फरवरी को जब जीत अडाणी और हीरा कारोबारी जैमिन शाह की बेटी दिवा ने सात फेरे लिए, तो पूरी दुनिया ने एक बार फिर देखा कि गौतम अडाणी न केवल अपने वचन के पक्के हैं, बल्कि उन्हें दिखावे में कोई यकीन है।
पेश किया उदाहरण
जीत, अडाणी परिवार के छोटे बेटे हैं। कारोबारी दुनिया में इस परिवार की एक अलग पहचान है। अडाणी समूह देश के साथ-साथ विदेशों में भी मजबूती से खड़ा है। ऐसे में उनकी शादी पर अरबों का खर्चा कोई बड़ी बात नहीं होती, लेकिन गौतम अडाणी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने साधारण और पारंपरिक तरीके से अपने बेटे की शादी करके दूसरे कारोबारियों के सामने भी एक उदाहरण पेश किया है, जो शादी जैसे आयोजनों में भारी खर्चे को शान समझते हैं।
समाज को प्राथमिकता
जब जीत और दिवा की शादी की खबर सामने आई थी, तब कयास लगाए जा रहे थे कि यह दुनिया की सबसे महंगी शादियों में से एक होगी। गौतम अडाणी अपने बेटे की शादी पर पानी की तरह पैसा बहाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। यह उनकी बड़ी सोच को दर्शाता है। अडाणी ने न केवल शादी को साधारण रखा, बल्कि 10,000 करोड़ रुपये का दान भी दिया। इससे पता चलता है कि उनके लिए भव्य आयोजन की तुलना में समाज की मदद करना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सेवा साधना है, प्रार्थना है
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार गौतम अडाणी की तरफ से दिया गया दान विभिन्न सामाजिक कार्यों में लगाया जाएगा। अडाणी समूह के चेयरमैन ‘सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है’ पर यकीन रखते हैं। उनके दान का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा। इस पहल से समाज के सभी वर्गों को किफायती विश्व स्तरीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, शीर्ष स्तरीय K-12 स्कूलों और सुनिश्चित रोजगार क्षमता के साथ ग्लोबल स्किल एकेडमी के नेटवर्क तक पहुंच प्रदान होगी।
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बहू नहीं, बेटी
गौतम अडाणी ने एक्स पर एक पोस्ट में शादी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परमपिता परमेश्वर के आशीर्वाद से जीत और दिवा विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। यह विवाह अहमदाबाद में प्रियजनों के बीच पारंपरिक रीति रिवाजों और शुभ मंगल भाव के साथ संपन्न हुआ। यह एक छोटा और अत्यंत निजी समारोह था, इसलिए हम चाह कर भी सभी शुभचिंतकों को आमंत्रित नहीं कर सके, जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं। मैं आप सभी से बेटी दिवा और जीत के लिए स्नेह और आशीष का हृदय से आकांक्षी हूं। दिलचस्प बात यह है कि ट्वीट में उन्होंने अपनी बहू को बेटी दिवा कहकर संबोधित किया।
परमपिता परमेश्वर के आशीर्वाद से जीत और दिवा आज विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए।
यह विवाह आज अहमदाबाद में प्रियजनों के बीच पारंपरिक रीति रिवाजों और शुभ मंगल भाव के साथ संपन्न हुआ।
यह एक छोटा और अत्यंत निजी समारोह था, इसलिए हम चाह कर भी सभी शुभचिंतकों को आमंत्रित नहीं कर सके,… pic.twitter.com/RKxpE5zUvs
— Gautam Adani (@gautam_adani) February 7, 2025
करीबी हुए शामिल
अहमदाबाद के अडाणी शांतिग्राम टाउनशिप में बेल्वेडियर क्लब में 7 फरवरी को जीत अडाणी और हीरा व्यापारी जैमिन शाह की बेटी दिवा शादी के पवित्र बंधन में बंध गए। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद पारंपरिक गुजराती सेरेमनी में केवल करीबी रिश्तेदार और दोस्त ही शामिल हुए। जीत अडाणी वर्तमान में अडाणी एयरपोर्ट्स में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। यह कंपनी देश के छह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है और नवी मुंबई में बन रहे हवाई अड्डे की देखरेख भी इसी के जिम्मे है। जीत यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज के पूर्व छात्र हैं।
मंगल सेवा की शुरुआत
शादी से पहले अडाणी परिवार ने नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं की सहायता के लिए ‘मंगल सेवा’ कार्यक्रम का ऐलान किया था। इस पहल के तहत हर साल 500 दिव्यांग महिलाओं को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। जीत अडाणी ने अपनी शादी से ठीक दो दिन पहले अपने घर पर 21 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं और उनके पतियों से मुलाकात की। गौतम अडाणी ने सोशल मीडिया पर इस नेक पहल पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि उनके बेटे जीत और बहू दिवा एक पवित्र संकल्प के साथ अपनी शादीशुदा जिंदगी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस प्रयास से कई दिव्यांग बेटियों और उनके परिवारों का जीवन सुख, शांति और सम्मान के साथ आगे बढ़ेगा।
क्या कहा था महाकुंभ में?
21 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में पत्रकारों ने गौतम अडाणी से पूछा था कि क्या उनके बेटे की शादी सेलिब्रिटीज का महाकुंभ होगी? इस पर उन्होंने कहा था, बिल्कुल नहीं। हम आम लोगों की तरह हैं। जीत यहां मां गंगा का आशीर्वाद लेने आए हैं। उनकी शादी एक साधारण और पारंपरिक तरीके से होगी। और उन्होंने जो कहा था वही कर दिखाया है। उन्होंने सभी के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि शादियों में भारी-भरकम खर्चा करने से बेहतर समाज के लिए कुछ करना है। उनकी इस पहल की हर तरफ सराहना की जा रही है।