Fixed Deposit: आज के साथ कल भी है और भविष्य में खुद को आर्थिक रूप से मजबूत रखने के लिए आज की कोशिश कई गुणा काम की साबित हो सकती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर शादी-विवाह जैसे काम के लिए एकमुश्त राशि की जरूरत होती है और अगर हम पहले से ही भविष्य में होने वाले खर्चों के लिए तैयार रहते हैं तो बाद में आर्थिक मदद लेने की भी नौबत नहीं आ सकती है। अलग-अलग तरह की इन्वेस्टमेंट योजनाएं हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है। उनमें से एक फिक्स्ड डिपॉजिट है, लेकिन कई लोग एफडी क्या है? इसके बारे में भी सही जानकारी नहीं रखते हैं। जबकि, भविष्य में आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए ये एक अच्छा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हो सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
FD क्या है?
एफडी जिसे फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है। ये एक ऐसा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जिसमें निवेशक को एकमुश्त राशि को जमा करना होता है और उस पर प्रति माह ब्याज दर मिलता है। अलग-अलग समय सीमा के साथ एफडी स्कीम उपलब्ध हैं। बैंक समेत फाइनेंशियल कंपनियां भी एफडी करने की सुविधा प्रदान करती हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट को एक भरोसेमंद ऑप्शन माना जाता है। 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट करा सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर क्या फायदे और क्या नुकसान हो सकते हैं, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
एफडी के प्रकार
- मानक सावधि जमा
- कर-बचत सावधि जमा
- एनआरई जमा
- एनआरओ जमा
- एफसीएनआर जमा
- आरएफसी जमा
- संचयी सावधि जमा
- कॉर्पोरेट सावधि जमा
- गैर-संचयी सावधि जमा
- वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा
- गैर-कॉलयोग्य सावधि जमा
- कॉल करने योग्य सावधि जमा
- फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट
- फ्लोटिंग रेट फिक्स्ड डिपॉजिट
क्या एफडी निवेश फाइनेंशियल लक्ष्यों के लिए सही है?
एफडी में निवेश फाइनेंशियल लक्ष्य के लिए सही या नहीं, ये आप अपने पर्सनल आर्थिक स्थिति से तय कर सकते हैं। एफडी निवेश कितने दिनों की अवधि के साथ कर रहे हैं, उस पर निर्भर करता है। एफडी एक गारंटीड रिटर्न और सुरक्षित निवेश माना जाता है। एफडी निवेश पर निश्चित ब्याज दर रिटर्न मिलता है जो आमतौर पर सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज दर रिटर्न से अधिक हो सकता हैं। हालांकि, सभी बैंक की ओर से अलग-अलग ब्याज दर और अवधि वाली एफडी योजना प्रदान की जाती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे क्या हैं?
आमतौर पर 7 दिन से 10 साल की अवधि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाएं होती हैं। साल भर की एफडी पर डिपॉजिट्स से अधिक फायदा मिलता है। सेविंग अकाउंट की तुलना में एफडी पर ब्याज सामान्य बचत अधिक होता है। कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां फिक्स्ड डिपॉजिट पर लोन की सुविधा भी देती है। ऐसे लोगों के लिए एफडी फायदेमंद है जो निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन जोखिम उठाने से डरते हैं। मार्केट में उतार-चढ़ाव के डर से किसी अन्य जगह निवेश नहीं करना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए एक निश्चित रिटर्न और अवधि के साथ एफडी स्कीम बेस्ट हो सकती है। पैसों को सुरक्षित रखने के साथ मोटा ब्याज दर चाहने वालों के लिए भी एफडी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के नुकसान क्या हैं?
फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। एफडी का पहला नुकसान ये है कि इसमें जमा रकम लॉक-इन अवधि के साथ होती है। पैसों को अवधि खत्म होने से पहले निकालते हैं तो जुर्माना भरना पड़ सकता है। अन्य निवेशों की तुलना में एफडी में ब्याज दरें कम हैं। जबकि, म्यूचुअल फंड, एआईपी जैसे निवेश पर अधिक ब्याज दर मिलता है लेकिन ये एक जोखिम भरा निवेश भी है। ब्याज दरों का फिक्स्ड होना भी एक नुकसान ही है।
अगर आपने 5 साल के लिए एफडी करवाई और उस पर 7 प्रतिशत ब्याज दरें मिलना तय हुआ है तो इसमें नुकसान ये है कि 5 सालों में अगर उसी स्कीम में ब्याज दरों से जुड़ा बदलाव हुआ और उसे बढ़ा गया तो आपको तय ब्याज के हिसाब से यानी 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर का ही लाभ मिलेगा। तय रिटर्न के पैसे वापस मिलते हैं और इससे मार्केट में होने वाले बदलाव का कोई बदलाव आपकी एफडी पर देखने को नहीं मिलेगा।
इसके अलावा कुछ एफडी ऐसी भी हैं जिन पर टैक्स देना होता है। अगर आपकी उम्र 60 साल से कम की है और ब्याज आय 40 हजार से ज्यादा है तो स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस देना पड़ सकता है।
क्या हैं FD तोड़ने के फायदे
फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने से इमरजेंसी कैश प्राप्त कर सकते हैं। अगर अचानक से कोई वित्तीय जरूरत पड़ जाती है तो एफडी को तोड़ सकते हैं। पैसों की जरूरत होने पर अगर बैंक लोन लेने का सोचेंगे और क्रेडिट स्कोर खराब हुआ तो पैसे मिलने में मुश्किल हो सकती है या फिर रिजेक्ट भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में बेहतर है कि आप एफडी तोड़ कर आर्थिक जरूरत को पूरा कर लें। वहीं, अगर एफडी तोड़ने की बजाए लोन ले भी रहे हैं तो आपको पर्सनल लोन पर अधिक ब्याज देना पड़ सकता है जो एफडी ब्याज दर की तुलना में काफी कम हो सकता है।
क्या हैं एफडी तोड़ने के नुकसान?
जरूरी नहीं कि हर चीज का फायदा ही हो, इसके नुकसान भी हैं। एफडी तोड़ने से पहले इसके नुकसान को भी जान लीजिए। समय से पहले एफडी लेना निवेश की रकम को घटा सकती है। इतना ही नहीं, निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर भी असर देखने को मिल सकता है। यहां तक कि जिस एफडी पर टैक्स बेनेफिट शामिल है, उसको अवधि खत्म होने से पहले तोड़ने पर फायदा नहीं मिलेगा। इसके अलावा एफडी को पहले तोड़ने पर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
एफडी पर सबसे ज्यादा और सबसे कम कितना ब्याज दर?
अगर आप ये जानना चाहते हैं कि एफडी पर सबसे कम या ज्यादा कितना ब्याज मिलता है तो बता दें कि सभी बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों द्वारा एफडी की अलग-अलग स्कीम दी जाती है और सभी विभिन्न प्लान के साथ अलग-अलग ब्याज दरों वाली होती है। आमतौर पर एफडी पर सबसे कम ब्याज दर 3 प्रतिशत है। जबकि, एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दर 9 प्रतिशत या उससे अधिक है।
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