Adani Group crisis: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) दोनों ने ही अडानी समूह के लिए कुछ स्पेशल व किसी सीमा से ऊपर नहीं किया है। एफएम सीतारमण ने खुलासा किया कि देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता और सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक दोनों ने अडानी के लिए अपने जोखिम पर विस्तृत बयान जारी किया है। LIC और SBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका जोखिम ‘अनुमत सीमा के भीतर है’ और वे मुनाफे में ही हैं। वित्त मंत्री ने एक निजी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक अच्छी तरह से विनियमित और अच्छी तरह से सरकार की निगरानी वाला वित्तीय बाजार है। अडानी समूह विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ शासन प्रथाओं के संबंध में देश में नियामक बहुत कड़े हैं।
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क्या है पूरा मामला?
अडानी समूह के संचयी बाजार मूल्यांकन में $100 बिलियन का नुकसान दर्ज किया गया है। समूह की अधिकांश सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने निचले सर्किट पर 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके बाद समूह ने अपनी प्रमुख कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज के द्वितीयक शेयर बिक्री यानी एफपीओ को रोक दिया।
अडानी एंटरप्राइजेज 8 प्रतिशत से अधिक नीचे गया, जबकि अदानी पोर्ट्स और एसईजेड 3 प्रतिशत से अधिक गिर गए। अन्य सभी लिस्टेड कंपनियां- अदानी विल्मर, अदानी पावर, अदानी ट्रांसमिशन, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी टोटल गैस- में लोअर सर्किट लग गया। एनडीटीवी पर भी शुरुआती कारोबार में लोअर सर्किट लगा।
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बता दें कि शेयर बाजार में अडानी समूह का नुकसानदेय दौर पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर एक विस्फोटक रिपोर्ट पेश की। इसने समूह के बढ़ते कर्ज के बारे में चिंता जताई और अन्य बातों के अलावा, स्टॉक में हेरफेर और टैक्स हेवन के अनियमित उपयोग का आरोप लगाया।
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