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ट्रंप टैरिफ के पीछे किसका दिमाग? कौन है वो जिसकी बातों पर अमल करते हैं यूएस प्रेसिडेंट?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ नीतियों को लेकर चर्चा में हैं। लगातार हो रही आलोचना के चलते उन्होंने नए टैरिफ पर 90 दिनों की राहत दी है और टैरिफ में कुछ कमी का भी ऐलान किया है। हालांकि, इस राहत से चीन को बाहर रखा गया है। ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 10, 2025 14:23
Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे हैं, तब से उन्होंने अपनी टैरिफ नीतियों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा रखी है। लगभग हर रोज वह टैरिफ पर कोई न कोई आदेश जारी कर रहे हैं। टैरिफ पर सबसे लेटेस्ट अपडेट यह है कि चीन पर अब 125% टैरिफ लगाया गया है, जबकि बाकी देशों को नए टैरिफ से 90 दिनों की छूट मिल गई है। इसके साथ ही ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य देशों के खिलाफ टैरिफ में कमी की बात भी कही है।

स्टीफन मिरान है नाम

बतौर यूएस प्रेसिडेंट ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में इतने आक्रामक नहीं थे। इस बार वह अमेरिका को पहले जितना धनवान बनाने के इरादे से टैरिफ पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप के इस टैरिफ ज्ञान के पीछे किसका दिमाग है? वो कौन है, जिसकी बातों पर अमल करके ट्रंप पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचाए हुए हैं? इस शख्स का नाम है स्टीफन मिरान।

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CEA प्रमुख हैं मिरान

अर्थशास्त्री स्टीफन मिरान को ही ट्रंप की टैरिफ नीतियों का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। ट्रंप ने दिसंबर, 2024 में उन्हें अपनी आर्थिक सलाहकार परिषद (CEA) का प्रमुख नियुक्त किया था। CEA राष्ट्रपति को आर्थिक नीति पर सलाह देता है। इस परिषद में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं। CEA की मदद से एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जाती है, जो देश की अर्थव्यवस्था का ओवरव्यू देती है, संघीय नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा करती है और आर्थिक नीति सिफारिशें करती है।

ट्रंप से है पुराना नाता

ट्रंप के पहले कार्यकाल में ट्रेजरी विभाग के सलाहकार रहे मिरान को अक्सर डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों, जिनमें टैरिफ भी शामिल हैं, के पीछे का ‘दिमाग’ कहा जाता है। यूएस प्रेसिडेंट के टैरिफ पर लेटेस्ट फैसले के पीछे भी स्टीफन मिरान का दिमाग बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि बिजनेस पार्टनर्स और निवेशकों की तरफ से बढ़ते दबाव के मद्देनजर उन्होंने ही ट्रंप को 90 दिनों की राहत का सुझाव दिया, जिस पर ट्रंप ने सहमति जाता दी।

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टैरिफ के हैं समर्थक

मिरान का मानना है कि टैरिफ को लेकर धारणाएं गलत हैं और अधिकांश अर्थशास्त्री इसे लेकर भ्रम में हैं। उन्होंने कहा है कि टैरिफ केवल टैक्स वसूली का जरिया नहीं, बल्कि यह व्यापार में अनियमितताओं को रोकने का उपाय है। मिरान ने 2005 में बोस्टन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र और गणित की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने 2010 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की।

ऐसा रहा है करियर

मिरान आर्थिक सलाहकार परिषद (CEA) के 32वें अध्यक्ष बनने से पहले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म हडसन बे कैपिटल मैनेजमेंट में वरिष्ठ रणनीतिकार थे। वह एसेट मैनेजमेंट फर्म एम्बरवेव पार्टनर्स के सह-संस्थापक और मैनहट्टन इंस्टीट्यूट में सहायक फेलो भी रहे हैं। मिरान ने 2020 से 2021 तक, ट्रेजरी विभाग के लिए आर्थिक नीति सलाहकार के रूप में कार्य किया था।

यह भी पढ़ें – टैरिफ पर ट्रंप के बदले मिजाज के क्या मायने? चीन पर सख्ती, बाकी देशों को राहत

First published on: Apr 10, 2025 02:22 PM

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