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डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री को 600 करोड़ के नुकसान की आशंका, जानें आखिर क्या है मामला

डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री अपनी चिंताओं से वित्त मंत्रालय को अवगत कराने के लिए एक पत्र लिखने वाली है। उसका कहना है कि सरकार द्वारा सब्सिडी घटाने से इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा। उसने एमडीआर पर सहमति की बात भी कही है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 21, 2025 13:22

सरकार के एक कदम से डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री को करीब 500-600 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। दरअसल, सरकार ने RuPay डेबिट कार्ड पर सब्सिडी सपोर्ट वापस ले लिया है। सरकार ने बुधवार को जारी कैबिनेट नोट में बताया कि उसने वित्त वर्ष 2025 में केवल छोटे व्यापारियों के लिए UPI भुगतान पर सब्सिडी के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जबकि फिनटेक इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि आवंटन लगभग 5,500 करोड़ रुपये का होगा। पिछले साल यह 3,681 करोड़ रुपये था।

यह है पूरा मामला

सरकार के इस फैसले से डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री को करीब 500-600 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। ET ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। दरअसल, सरकार UPI और RuPay डेबिट कार्ड पर जीरो-मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के कारण बैंकों और फिनटेक कंपनियों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए डिजिटल भुगतान पर सब्सिडी देती है। MDR एक शुल्क है जो बैंकों द्वारा व्यापारियों से डिजिटल भुगतान का समर्थन करने के लिए लिया जाता है। यह 2022 से पहले लागू था।

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जारी नहीं हो रहे कार्ड

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि MDR या सरकारी सब्सिडी के बिना ऐसे लेनदेन मुश्किल हो जाएंगे। कई बड़े बैंकों ने RuPay डेबिट कार्ड जारी करना लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि इन कार्ड्स पर कोई रेवेन्यू नहीं मिलता। इसके बजाए वे अपने खाताधारकों को मास्टरकार्ड और वीजा डेबिट कार्ड देने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हर महीने प्रोसेस होने वाले कार्ड पेमेंट की कुल वैल्यू में RuPay डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 30% से भी कम पर स्थिर हो गई है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में मर्चेंट पेमेंट के लिए लगभग 119 मिलियन डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन किए गए थे।

वित्त मंत्रालय को लिखेंगे पत्र

फिनटेक इंडस्ट्री ने इस पूरे मामले में अपनी चिंता से वित्त मंत्रालय को अवगत कराने का निर्णय लिया है। इंडस्ट्री, पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के माध्यम से डिजिटल भुगतान के लिए सब्सिडी में भारी कटौती के संबंध में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखने की योजना बना रही है। इसके साथ ही इंडस्ट्री ने एमडीआर को वापस लाने या आवंटित सब्सिडी राशि बढ़ाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है। रिपोर्ट में एक फिनटेक फर्म के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि डेबिट कार्ड से प्रति लेनदेन राशि का 0.25% MDR लगाने पर इंडस्ट्री सहमत है, लेकिन अंतिम निर्णय इंडस्ट्री के प्रतिनिधि लेंगे।

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सरकार को मिला है प्रस्ताव

बड़े व्यापारियों के लिए यूपीआई भुगतान पर एमडीआर वापस लाने का एक प्रस्ताव बैंकों ने केंद्र सरकार को भेजा है। ऐसे मर्चेंट जिनका वार्षिक GST टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए यह शुल्क लागू किया जा सकता है। 2022 से पहले व्यापारियों को ऐसे लेनदेन के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट का शुल्क देना होता था। पेमेंट कंपनियों का कहना है कि एमडीआर को वापस लाना जरूरी है। क्योंकि नए नियमों के अनुपालन की लागत बढ़ गई है। सरकार इन लागतों को कवर करने के लिए बैंक और फिनटेक को सब्सिडी देती है, जो पर्याप्त नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़े व्यापारियों और RuPay डेबिट कार्ड के लिए सब्सिडी को कम करना इस बात का संकेत है कि सरकार प्रस्ताव को गंभीरता से ले रही है और इन भुगतानों पर MDR वापस ला सकती है।

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First published on: Mar 21, 2025 01:22 PM

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