Cash is Using More Than UPI Payments : देश में जहां UPI से पेमेंट की संख्या बढ़ रही है तो वहीं ATM से कैश निकालने की संख्या में भी इजाफा हुआ है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ATM से कैश निकालने वाले की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में जहां प्रति ATM 1.35 करोड़ रुपये निकाले गए तो वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में प्रति ATM 1.43 करोड़ रुपये निकाले गए। फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित एक आर्टिकल में इस रिपोर्ट और ट्रांजेक्शन के बारे में बताया गया है।
चार साल में बढ़ गई ATM से निकाली गई रकम
साल 2020 में कोरोना के समय डिजिटल पेमेंट की बहार आ गई थी। उसके बाद डिजिटल पेमेंट का चलन काफी बढ़ गया। हालांकि 2021 और 2024 को लेकर रिजर्व बैंक के जो आंकड़े आए, उन्होंने कुछ और ही बयां किया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में देशभर के सभी ATM से करीब 29 लाख करोड़ रुपये निकाले गए। वहीं साल 2024 में यह रकम बढ़कर करीब 32 लाख करोड़ रुपये हो गई।
UPI से पेमेंट करने वाले भी बढ़े
आर्टिकल के मुताबिक न केवल UPI से पेमेंट करने वालों की संख्या बढ़ गई है बल्कि रकम के हिसाब से भी UPI ट्रांजेक्शन भी बढ़ गया है। अगर वॉल्यूम के हिसाब से देखें तो इसमें पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी की वृद्धि हुई है यानी कुल 13.3 अरब ट्रांजेक्शन हुए हैं। वहीं रकम के हिसाब से यह ट्रांजेक्शन 40 फीसदी बढ़ गया है। साल 2024 में करीब 20 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ।
इस कारण बढ़े कैश का इस्तेमाल करने वाले लोग
- डिजिटल पेमेंट करने वाले काफी लोगों को लगता है कि पेमेंट फेल होने से उनकी रकम अटक सकती है।
- कैश से पेमेंट करने पर ट्रांजेक्शन में भरोसा जगता है जबकि ऐसा भरोसा डिजिटल पेमेंट पर नहीं होता।
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आखिर क्यों बढ़ रही कैश की मांग
देश में आज भी ऐसे काफी लोग हैं जिनका कोई भी बैंक अकाउंट नहीं है। देश में इस समय करीब 1 अरब लोगों के बैंक अकाउंट हैं। इनमें से 30 करोड़ लोग ही UPI पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में 70 करोड़ लोग ऐसे हैं जो अभी तक UPI का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ये लोग किसी भी प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए कैश पर ही निर्भर हैं। यही कारण है कि देश में अभी भी कैश की मांग ज्यादा है।