Business Opportunity: इन दिनों बड़ी संख्या में युवा नौकरी न करके खुद का अपने बिजनेस शुरू कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि नौकरी देने वाला बन रहे हैं। अगर आप भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और इसके लिए आपके पास पैसा नहीं है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
दरअसल केंद्र सरकार युवाओं को अपना बिजनेस शुरू (Business Opportunity) करने के लिए आर्थिक मदद यानी पैसे भी दे रही है। जिसकी मदद से आप आसानी से अपना बिजनेस शुरू कर पैसे कमा सकते हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार जेनेरिक दवाओं की दुकान खोलने के लिए लोगों को आर्थिक मदद कर रही है।
दरअसल सरकार केंद्र सरकार देश में तेजी से प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों (PM Jan Aushadhi Kendra) की संख्या में वृद्धि कर रही है। केंद्र सरकार का मार्च 2024 तक देशभर में जन औषधि केंद्रों की संख्या की बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसका मकसद जहां आम लोगों को सस्ते दाम पर दवा उपलब्ध कराना है वहीं लोगों के लिए रोजगार के नए मौके उपलब्ध कराना भी है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने में सरकार अर्थिक रुप से मदद भी कर रही है।
लाइसेंस की आवश्यकता
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत, सरकार एसी-एसटी और दिव्यांग आवदेकों को 50,000 रुपये तक की दवाएं अग्रिम में देती हैं। दुकान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ‘रिटेल ड्रग सेल्स’ लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
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जन औषधि केंद्र को कौन खोल सकता है?
पहली श्रेणी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र को खोल सकता है। दूसरी श्रेणी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल आदि शामिल होते हैं। तीसरी श्रेणी में राज्य सरकारों के नामिनेट किए गए एजेंसियों को भी जन औषधि केंद्र खोलने का अवसर मिलता है। अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो आपके पास बी-फॉर्मा या डी-फॉर्मा की डिग्री होनी चाहिए और आवेदन करते समय डिग्री को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना होगा।
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कमाई कितनी हो सकती है?
जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक का कमीशन मिलता है। इसके साथ ही, प्रत्येक महीने की बिक्री पर 15 फीसदी का प्रोत्साहन भी दिया जाता है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के अंतर्गत दुकान खोलने के लिए सरकार द्वारा फर्नीचर और अन्य आवश्यक वस्त्रादि के लिए तकरीबन 2.5 लाख से 2.75 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। साथ ही, बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर जैसी उपकरणों की खरीदारी में भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है।