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New vs old income Tax Regime: पुरानी व्यवस्था में भी हैं कई ऑप्शन, ऐसे बचा सकते हैं लगभग 1.35 लाख रुपये

Income Tax Regime: वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होने वाली नई टैक्स रिजीम में सालाना 12.75 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट देने का ऐलान किया गया है। नए टैक्स रिजीम के आकर्षण के बावजूद, ट्रेवल रीइम्बर्समेंट, मील कूपन और जिम मेंबर जैसे स्ट्रेटजिकली स्ट्रक्चर वेतन भत्ते वाली ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी जारी है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 10, 2025 19:08
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New vs old income tax regime
सांकेतिक तस्वीर।

New vs old Income tax Regime: केंद्रीय बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसके तहत सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट दी गई है। 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड कटौती के साथ, टैक्स-फ्री लिमिट बढ़कर 12.75 लाख रुपये हो जाती है। यानी सालाना 12.75 लाख रुपये (मासिक 1.06 लाख रुपये) तक कमाने वाले व्यक्तियों को अब वित्त वर्ष 2025-26 से कोई टैक्स नहीं देना होगा। ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं है, फिर भी एक्सपर्ट का मानना है कि आपको अपनी फाइनेंशियल प्रोफाइल के हिसाब से ही नई या पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनना चाहिए।

6.3 करोड़ ने न्यू टैक्स रिजीम को अपनाया 

वर्तमान में 8.75 करोड़ व्यक्तिगत करदाताओं में से 6.3 करोड़ ने न्यू टैक्स रिजीम को अपनाया है। अनुमान है कि कम कर दरों के कारण अगले वर्ष एक करोड़ और करदाता इसे अपनाएंगे। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय बजट 2025 के प्रस्तावों ने न्यू टैक्स रिजीम के बारे में लोगों की धारणा को बदल दिया है, लेकिन अभी भी ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने का दावा नहीं किया जा रहा है।

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ओल्ड टैक्स रिजीम में भी कई विकल्प मौजूद

टैक्सस्पैनर (Taxspanner) के संस्थापक और सीईओ सुधीर कौशिक का कहना है कि न्यू टैक्स रिजीम लाभदायक दिखती है, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था अभी भी कर-कुशल सुविधाओं के साथ रणनीतिक रूप से संरचित (स्ट्रेटजिकली स्ट्रक्चर) वेतन पैकेज के माध्यम से कर में कटौती के पर्याप्त अवसर देती है। ओल्ड टैक्स रिजीम में हाउस रेंट अलाउंस के अलावा, उचित तरीके से कॉस्ट-टू कंपनी (CTC) पुनर्गठन के माध्यम से कर दायित्वों को न्यूनतम करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं।

इन 8 वेतन भत्तों से उठा सकते हैं लाभ

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सुधीर कौशिक ने 8 वेतन भत्ते की एक लिस्ट तैयार की है, जिनका लाभ करदाता ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत अपने टैक्स को कम करने के लिए उठा सकते हैं। ये 8 वेतन भत्ते 1.35 लाख रुपये से अधिक की संभावित टैक्स बचत की सुविधा देते हैं।

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वेतन

 

प्रति माह (रुपये में)

 

सालाना (रुपये में)

 

टैक्स बचत (रुपये में)*
ट्रेवल एंड फ्यूल रीइम्बर्समेंट 6,000 72,000 22,464
ड्राइवर का वेतन 10,000 1,20,000 37,440
एलटीए** 5,000 60,000 18,720
चल संपत्ति 5,000 60,000 18,720
मील कूपन 2,200 26,400 8,237
इंटरनेट एंड फोन 2,000 24,000 7,488
समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं 1,000 12,000 3,744
लर्निंग कोर्स/जिम सदस्यता 5,000 60,000 18,720
टोटल

 

36,200

 

4,34,400

 

1,35,533

*30 प्रतिशत कर स्लैब में।

**वार्षिक भुगतान।

एलटीए (Leave Travel Allowance)

LTA Leave Travel Allowance के तहत कंपनियों की तरफ से छुट्टियों पर गए कर्मचारी और उसके परिवार को देश में कहीं घूमने जाने पर हुए खर्च की भरपाई की जाती है। अगर आपको भी कंपनी की ओर से एलटीए दिया जाता है तो आप इसे क्लेम भी कर सकते हैं। फैमिली हॉलीडे ट्रेवल कॉस्ट रीइम्बर्समेंट का 4 साल में दो बार दावा किए जाने पर यह कर-मुक्त रहती है।  ये LTA एंप्लॉयर प्रोवाइड करता है और सैलरी पैकेज में इसका जिक्र होता है। एलटीए पर टैक्स में छूट आप हर साल नहीं ले सकते, इसमें 4 साल में दो बार टैक्स में छूट ली जा सकती है। इसके लिए Income Tax Department ने चार-चार वर्षों के ब्लॉक को पहले से तय कर रखा है।

मील कूपन

एक नोटिफिकेशन में आयकर विभाग ने कहा है कि नए टैक्स स्लैब को चुनने वाले कर्मचारी धारा 115BAC के तहत मील वाउचर या कूपन पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा नहीं ले पाएंगे। बता दें कि अभी एक मील पर 50 रुपये की छूट मिलती है, जो प्रति माह लगभग 2,200 रुपये होता है। बता दें कि कर्मचारी को ऑफिस में ड्यूटी के दौरान या कंपनी परिसर में दिए जाने वाले मुफ्त खाने और नॉन-एल्कोहलिक ड्रिंक की कीमत पर टैक्स छूट मिलती है।

इन भत्तों पर भी मिलता है टैक्स छूट

इसके अलावा जब कोई ऑर्गेनाइजेशन कर्मचारियों के लिए चल संपत्ति (Moveable Assets) खरीदते हैं तो इसमें भी महत्वपूर्ण कर बचत होती है। धारा 17(2) के तहत, कर्मचारी के निजी इस्तेमाल के लिए कंपनी द्वारा खरीदे गए गैजेट और उपकरणों पर केवल 10 फीसदी कर लगता है। कंप्यूटर के इस्तेमाल पर कोई कर नहीं लगता है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ड्राइवर को वेतन देने के विकल्प मौजूद हैं। यदि आप अपने ड्राइवर को 10 हजार रुपये वेतन देते हैं तो आपको 37,440 रुपये की सालाना टैक्स छूट मिल सकती है।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 10, 2025 07:08 PM

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