UPI Payment News: पेमेंट में UPI का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। इस बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ गलत या असफल ट्रांजैक्शन जैसे मामले भी बढ़े हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कुछ कदम उठाए हैं। NPCI ने नए नियम जारी किए हैं, जिन्हें 1 अप्रैल 2025 से बैंकों को मानना होगा। इसके तहत बैंकों को उन मोबाइल नंबरों को नियमित रूप से हटाना होगा, जो बंद हो चुके हैं या किसी और को जारी किए गए हैं।
इसलिए पड़ी जरूरत
UPI ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से पिछले साल 16 जुलाई को हुई NPCI की बैठक में यह तय किया गया था कि बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को नियमित अंतराल पर अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा। नए नियमों के तहत अब बैंक और UPI ऐप्स को हर हफ्ते मोबाइल नंबरों की लिस्ट अपडेट करनी होगी, ताकि गलत या असफल ट्रांजैक्शन को कम करके लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
…तो बंद जाएगी सुविधा
UPI ऐप्स को अब मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए आपकी सहमति लेनी होगी और ऐप में आपको साफ तौर पर इसका विकल्प भी मिलेगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि UPI ऐप्स में कोई भ्रामक या जबरदस्ती सहमति लेने वाला संदेश न हो। अगर यूजर नंबर अपडेट नहीं करता, तो उस स्थिति में UPI से पैसा प्राप्त करने की सुविधा बंद की जा सकती है।
भेजनी होगी मंथली रिपोर्ट
NPCI की तरफ से कहा गया है कि सभी बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को नए नियमों का पालन करना होगा। 1 अप्रैल से उन्हें NPCI को मासिक रिपोर्ट भेजनी होगी, जिसमें मोबाइल नंबरों से जुड़ी कुल UPI आईडी, हर महीने एक्टिव UPI यूजर्स की संख्या, अपडेटेड मोबाइल नंबरों से हुए लेनदेन आदि जानकारी शामिल होगी।
ऐसे मिलेगा फायदा
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा उठाया गया ये कदम UPI यूजर्स की परेशानियों को कम करेगा। इससे गलत नंबर पर पैसे भेजने के मामलों में कमी आएगी और UPI ट्रांजैक्शन ज्यादा सुरक्षित बनेंगे। बता दें कि देश के यूपीआई मार्केट में इस समय PhonePe का दबदबा है। इस कंपनी ने मार्केट की एक बड़ी हिस्सेदारी पर कब्जा किया हुआ है।