MSME Registration : बिजनेस शुरू करना हो या कोई स्टार्टअप, इसे बढ़ाना जरूरी होता है। बिजनेस को बढ़ाने के लिए कई बार पैसों की या सरकार की कुछ स्कीम की जरूरत पड़ती है। अगर आपने MSME में अपने बिजनेस का रजिस्ट्रेशन करवा रखा है तो आपकी कई मुश्किलें आसान हो जाती हैं। ऐसे बिजनेस जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के होते हैं, MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) बिजनेस कहलाते हैं।
ऐसे बिजनेस करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
कोई भी ऐसा बिजनेस या स्टार्टअप जो छोटे स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस से जुड़ा होता है, MSME में रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसमें ये प्रमुख क्षेत्र होते हैं:
मैन्यूफैक्चरिंग: कपड़े बनाना, फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक के सामान बनाना, मेटल (नट-बोल्ट आदि) से जुड़ी यूनिट लगाना आदि।
सर्विस: ब्यूटी पार्लर या सैलून खोलना, आईटी सर्विस मुहैया कराना, एडवर्टाइजिंग एजेंसी खोलना, लॉजिस्टिक कंपनी शुरू करना आदि।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
- ऑफिशल वेबसाइट msme.gov.in पर जाएं।
- यहां आपको नीचे की ओर Udyam Registration (Online Registration for MSME) लिखा दिखेगा। इस पर क्लिक करें।
- एक नया पेज खुलेगा। यहां आपको MSME / Udyam Registration Process लिखा दिखाई देगा। इसके ठीक नीचे एक बॉक्स में लिखे For New Entrepreneurs who are not Registered yet as MSME or those with EM-II पर क्लिक करें।
- अब एक नया पेज खुलेगा। यहां आपको अपना आधार नंबर और नाम लिखना होगा।
- इसके बाद नीचे नीले रंग के बॉक्स में लिखे Validate & Generate OTP पर क्लिक करें। आपके आधार से जुड़े फोन नंबर पर एक OTP आएगा। इसके बाद वहां OTP टाइप करें और आगे की प्रक्रिया पूरी करें। इसके बाद आपके
- बिजनेस का रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा और 12 डिजिट का कार्ड नंबर यानी उद्योग आधार जनरेट हो जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए ये डॉक्यूमेंट्स हैं जरूरी
- कंपनी के डायरेक्टर, पार्टनर या प्रोपाइटर का आधार कार्ड
- बिजनेस का PAN कार्ड
- इंडस्ट्रियल लाइसेंस की कॉपी
- बिजनेस के बैंक अकाउंट की डिटेल्स
- बिजनेस से जुड़े जुड़ी चीजों की खरीदारी और बिक्री से संबंधित बिल।
- जहां बिजनेस है वहां के पते की डिटेल्स, जैसे बिजली का बिल, प्रॉपर्टी टैक्स डिटेल्स आदि।
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MSME में रजिस्ट्रेशन के फायदे
- बैंक से कम ब्याज पर लोन मिल जाता है।
- देशभर में जहां भी प्रदर्शनी लगती हैं, वहां स्टॉल लगाने का खर्चा सरकार की तरफ से मिलता है।
- टैक्स में राहत मिलती है।
- इंटरनेशनल बिजनेस में मदद मिलती है।
- पेटेंट रजिस्ट्रेशन में सब्सिडी मिलती है।