पिछले कुछ सालों में भारत में स्कूटर सेगमेंट काफी तेजी बड़ा हुआ है। बाइक की तुलना में स्कूटर की माइलेज कम ही आती है। अब खराब माइलेज के पीछे कई बड़े कारण होते हैं। स्कूटर चलाते समय भी कई बार ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसकी वजह से भी फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। इतना ही नहीं इंजन से लेकर बॉडी पार्ट्स में खराबी आना शुरू हो जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप अपने स्कूटर की माइलेज को बेहतर कर सकते हैं और साथ ही इंजन को चुस्त बना सकते हैं…
खराब माइलेज के सबसे बड़े कारण
आपने स्कूटर को धूप में पार्क न करें, क्योंकि धूप के कारण पेट्रोल का वाष्पीकरण (Vaporization) होता है। अगर पेट्रोल टैंक आधा भरा होगा तो ज्यादा वाष्पीकरण होता है। इसलिए अपने स्कूटर को हमेशा किसी ठंडी जगह पर ही पार्क करें,डायरेक्ट धूप में पार्क करने से बचें। हो सके तो स्कूटर को ढक कर रखें।
ऐसे बढ़ती है फ्यूल की खपर
हाउ कि ही कि देखने स्कूटर चलाते समय ज्यादा रेस (एक्सिलरेशन) न दें ऐसा करने से पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है। ज्यादा रेस देना का मतलब है RPM मीटर का बढ़ना। इसलिए सदि आप इस आदत को अपना लें तो रोजाना काफी फ्यूल की बचत होगी।
स्कूटर में ज्यादा रेस देना
एक बेहतर माइलेज के लिए स्कूटर की स्पीड 40 kmph होनी चाहिए, इतनी स्पीड से रोजाना स्कूटर चलाने पर माइलेज काफी अच्छी मिलती है। लेकिन ध्यान रहे कि स्कूटर पर लोड 130 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ब्रेक का ज्यादा इस्तेमाल
जो लोग बार-बार और बिना वजह ब्रेक का इस्तेमाल करते हैं उन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि ऐसा करने से भी माइलेज घटती है। इसलिए मोड़ या ढलान आने पर स्कूटर धीरे चलाएं। ज्यादा ब्रेक लगाने से पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है जिससे माइलेज कम होने लगती है।
समय पर सर्विस ना करवाना
कई बार देखने में आया है कि लोग अपने स्कूटर की सर्विस समय पर नहीं करवाते, जिसकी वजह से परफॉरमेंस के साथ माइलेज पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए हर 3000 किलोमीटर पर या फिर हर 3 महीने पर स्कूटर की सर्विस करवाना जरूरी है। अगर सर्विस समय पर होगी स्कूटर ब्रेक डाउन का शिकार नहीं होगी।
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