Right to repair: जब हम अपना नया वाहन लेते हैं, वह चाहे कार हो या दोपहिया वाहन, हम अक्शर कोशिश करते हैं कि कुछ भी खराबी व सर्विस के लिए शोरूम ही ले जाया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि हम नहीं चाहते कि बाहर कहीं गाड़ी खुलवाने से हमारे वाहन की वारंटी ना खत्म हो जाए। इसी कारण हमें शोरूम पर जाकर श्रम शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, जिससे सर्विस भी बाहर के मुकाबले मंहगी होती है। हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा।
अब उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अब ‘श्रम शुल्क का भुगतान ‘ पहल और पोर्टल लॉन्च किया है, जो आपके वाहन की वारंटी की रक्षा करता है, भले ही आपने किसी तीसरे पक्ष की दुकान में ही गाड़ी की सर्विस क्यों ना कराते हो।
फिलहाल ये कंपनियां हुईं शामिल
पोर्टल वर्तमान में लाइव है और हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकिल और स्कूटर जैसे दोपहिया निर्माता पहले ही इसमें शामिल हो चुके हैं। यह स्व-मरम्मत नियमावली के लिए संसाधन के रूप में भी कार्य करेगा और अधिकृत तीसरे पक्ष की दुकान व अन्य जानकारी साझा करेगा।
पहले दिन से ही आपकी सर्विस का सारा लेखा-जोखा रखा जाएगा। निर्माता कंपनियों को उचित सर्विस जानकारी और मैनुअल को तीसरे पक्ष के कर्मचारियों के साथ साझा करने की आवश्यकता होगी। डायग्नोस्टिक टूल और स्पेयर पार्ट्स भी उपभोक्ताओं और वर्कशॉप्स के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगे।
वर्तमान में, उपभोक्ता मामलों का विभाग अधिक से अधिक निर्माताओं को ऑनबोर्ड करने की दिशा में काम कर रहा है। राइट टू रिपेयर निश्चित रूप से सही दिशा में एक कदम है, लेकिन यह रातों-रात मुख्यधारा में नहीं आ जाएगा। इसमें वक्त लगेगा। इसपर काम किया जा रहा है, जिससे लोगों को सुविधा मिल सकेगी और वह शोरूम से दूर है तो तब भी पास में कहीं अधिकृत दुकान पर जाकर काम करा सकता है।
Samsung, Apple, Havells, Hewlett-Packard, LG, Panasonic, Oppo और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड भी पहले से ही पोर्टल पर मौजूद हैं।