Ratan tata reaction on Indica Car: जिस समय भारत में मारुति सुजुकी की कारें बाजार में अपना दबदबा बढ़ा चुकी थी,उस समय रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा मोटर्स ने स्वदेशी कार ‘टाटा इंडिका’ को लॉन्च किया। लेकिन मारुति सुजुकी के सामने टिक पाना टाटा मोटर्स के लिए आसान नहीं था। लोगों ने कहा कि बिना किसी विदेशी कंपनी के सहयोग के ऐसा नहीं किया जा सकता, आप बर्बाद हो जाओगे। लेकिन कई बार बड़े फैसले य तो बुरी तरह फ्लॉप हो जाते हैं या इतिहास रच देते हैं। इंडिका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ …
पहली स्वदेशी कार की एंट्री
30 दिसम्बर,1998 में रतन टाटा ने पहली स्वदेशी कार के तौर पर इंडिका को लॉन्च किया था। यह एक हैचबैक कार थी। इंडिका को पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और डेवलप किया गया था। इसलिए इसे भारत की पहली स्वदेशी कार के रूप में माना जाता है। आपको बता दें कि 2023 में टाटा इंडिका (Tata Indica) की 25वीं सालगिरह थी और इस मौके पर रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर भी एक दिल को छू लेने वाला पोस्ट भी शेयर क्या था आज अब काफी वायरल हो रहा है….
“सभी ने हमें बताया कि बिना किसी इंटरनेशल कंपनी के वेंचर या साझेदारी के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। यदि मैंने ऐसा किया तो मुझे असफलता से जोड़ा जाएगा। लेकिन फिर भी हम आगे बढ़े। तकनीकी मुद्दे थे और हमने कई सबक सीखे। नई ज़मीन तैयार करना एक अद्भुत अनुभव था। हार मानने की संभावनाएँ बहुत थीं। हम कोर्स पर कायम रहे, प्रत्येक मुद्दे पर काम किया और वह भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका का जन्म था” रतन टाटा ने बताया कि यह कार उनके दिल के बेहद करीब है।
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टाटा इंडिका की खूबियां
लॉन्च होते ही टाटा इंडिका की भारतोय कार बाजार में डिमांड तेजी से बढ़ने लगी। मजबूती के साथ दमदार इंजन और शानदार माइलेज के साथ लोगों ने इसे हाथों-हाथ खरीदना शुरू किया। इंडिका में स्पेस तो ज्यादा मिलत ही था साथ ही यह आरामदायक भी थी। एक लीटर में यह करीब 20 किलोमीटर की माइलेज देती थी जो उस समय में काफी ज्यादा मानी जाती थी।
इसमें पेट्रोल और डीजल के ऑप्शन मिलते थे लेकिन डीजल मॉडल की मांग सबसे ज्यादा थी। Indica, देश की पहली कार थी जिसमें एयर कंडीशनिंग,पावर विंडो और सेंट्रल लॉकिंग जैसे फीचर्स मिलते थे।
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