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FasTag युग का अंत, हटेंगे टोल बैरियर, 1 मई से नया टोल सिस्टम होगा लागू? जानें क्या

GPS बेस्ड टोल सिस्टम में वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) नाम का एक डिवाइस लगाया जाएगा। यह डिवाइस GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम तकनीक के जरिए गाड़ी की मूवमेंट को ट्रैक करेगा। जब कोई वाहन हाईवे पर चलेगा, तो वह कितनी दूरी तय कर रहा है, उसका रिकॉर्ड OBU के जरिये होगा।

Author Edited By : Bani Kalra Updated: Apr 17, 2025 08:10

GPS Toll System: देश में हाईवे टोल कलेक्शन सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। FASTag की जगह नया सिस्टम आने वाला है। फास्टैग और टोल सिस्टम को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा एलान किया है, जिससे देश में हाईवे पर टोल वसूलने के तरीके में पूरी तरह से बदलाव हो सकता है। नितिन गडकरी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि केंद्र सरकार अगले 15 दिनों के भीतर एक नई टोल नीति लेकर आ रही है और जब इसी नीति को लागू किया जाएगा तो किसी को टोल को लेकर कोई शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” फिलहाल अभी मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं कहूंगा।

GPS बेस्ड  टोल सिस्टम होगा शुरू

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GPS बेस्ड टोल सिस्टम में वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) नाम का एक डिवाइस लगाया जाएगा जो अब तक चल रहे FASTag सिस्टम की जगह लेगा।यह डिवाइस GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम तकनीक के जरिए गाड़ी की मूवमेंट को ट्रैक करेगा। जब कोई वाहन हाईवे पर चलेगा, तो वह कितनी दूरी तय कर रहा है, उसका रिकॉर्ड OBU के जरिये होगा। उसी हिसाब से टोल की रकम तय की जाएगी और वो सीधे ड्राइवर के बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से कट जाएगी।

यानी जितनी दूरी आप हाईवे पर तय करेंगे, उतना ही टोल आपके अकाउंट से अपने आप कट जाएगा। खास बात ये है कि लोगों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। शुरुआत में ये सिस्टम ट्रक और बस जैसी बड़ी गाड़ियों पर लागू होगा, फिर धीरे-धीरे सभी प्राइवेट व्हीकल और गाड़ियों पर लागू होगा। ये सिस्टम भारत के अपने सैटेलाइट NavIC पर चलेगा, जिससे डेटा देश के अंदर ही रहेगा और सुरक्षित रहेगा।

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Satellite Based Toll Collection System

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FASTag से GPS का सफर 

भारत में साल 2016 में फास्टैग (इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन) की शुरुआत हुई थी, जिससे टोल प्लाजा बिना रुके आप निकल जाते हैं, फास्टैग का मकसद लोगों के समय को बचाना था। इसमें RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। गाड़ी के शीशे पर एक टैग लगाया जाता है और टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर से वह टैग स्कैन होता है। इससे टोल अपने आप कट जाता है और कार बिना रुके टोल पार करती है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में कुछ दिक्क़तों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है, जैसे ज्यादा भीड़ होना, तकनीकी खामियां और या कुछ लोग टैग का गलत इस्तेमाल करते थे। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सरकार आधुनिक सिस्टम की तरफ ध्यान दे रही है।

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Edited By

Bani Kalra

First published on: Apr 17, 2025 07:27 AM

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