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नई टोल नीति, आम आदमी को बड़ी राहत, 3000 में बनेगा वार्षिक पास, पढ़ें खास बातें

सरकार ने नई टोल नीति तैयार कर ली है जिसे है जल्द ही लागू किया जा सकता है। नई टोल नीति में आजीवन पास का प्रस्ताव वापस नहीं हो सका। नई नीति के तहत सरकार कंसेसनरों के घाटे की भरपाई करेगी।

Author Edited By : Bani Kalra Updated: Apr 14, 2025 14:43

सरकार ने नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे में टोल संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए नई टोल नीति तैयार कर ली है जिसे है जल्द ही लागू किया जा सकता है। इस नई टोल नीति से आम आदमी को क्या राहत मिलेगी और सरकार को क्या लाभ होगा? इसी पर यहां जानकारी हम आपको दे रहे हैं। नई टोल नीति शुल्क में करीब 50% प्तक राहत देने के साथ ही लोगों को 3000 रुपये का सालाना पास देने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। ये पास राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे के साथ ही राज्यों के एक्सप्रेस वे पर भी मान्य होंगे। इसके लिए अलग से पास लेने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि शुल्क फास्टैग अकाउंट के जरिये ही अदा किया जा सकता है। नई नीति में टोल गेटों को समयसीमा के भीतर समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है।

Mumbai Toll Plaza

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एक साल का पास 3000 में बनेगा, इन्हें मिलेगा फायदा 

सरकार की ओर से नई नीति के तहत 3000 रुपये के फॉर्मूले को लागू किया जाता है तो इसका सबसे ज्‍यादा फायदा ऐसे लोगों को होगा जो हर महीने एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए नेशनल हाइवे और एक्‍सप्रेस वे का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा बार बार टोल प्‍लाजा पर टैक्‍स देने और मिनिमम बैलेंस रखने की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।

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इसमें कंसेसनरों और कांट्रैक्टरों के मौजूदा अनुबंध थे, जिनमें इस तरह की सुविधा का कोई प्रविधान नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नुकसान की भरपाई करने पर सहमत हो गये हैं। यानी कंसेसनायर अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिजिटल रिकार्ड रखेंगे और वास्तविक वसूली में जो अंतर होगा, उसकी भरपाई एक फार्मूले के अनुसार सरकार की ओर से की जाएगी।

नई टोल नीति बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग को बढ़ावा देने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे संबंधित तीन पायलट प्रोजेक्टों के अच्छे नतीजे मिले हैं। सटीकता का स्तर 98% के आसपास पहुंच रहा है। अगर कोई वाहन टोल अदा किए बिना सड़क नेटवर्क से निकल जाता है, तो टोल की वसूली कैसे होगी।

इसके लिए बैंकों को और राइट्स दिए जाएंगे। वे फास्टैग समेत पेमेंट के अन्य माध्यमों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त लगा सकते हैं और अधिक पेनाल्टी थोप सकते हैं। नई टोल नीति की शुरुआत दिल्ली-जयपुर हाईवे से किए जाने के आसार हैं। शुरुआत भारी वाहनों और खतरनाक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों से की जाएगी। पूरे नेटवर्क की मैपिंग हो चुकी है,नई तकनीक-सेंसर और कैमरे लगाए जा रहे हैं। फास्टैग और एएनपीआर मिलकर लेटेस्ट नए टोल प्रणाली की जरूरत को पूरा करेंगे।

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Edited By

Bani Kalra

First published on: Apr 14, 2025 09:33 AM

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