महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर, एकल इंजन वाले एयरबस H130 हेलिकॉप्टरों के लिए फ्यूजलेज का निर्माण करेगी। इसकी पहली यूनिट की आपूर्ति मार्च, 2027 तक होने की उम्मीद है। यह भारत में स्वदेशी एयरोस्पेस विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा। आठ सीटों वाला H130 एक लोकप्रिय हेलिकॉप्टर है जिसका उपयोग परिवहन, पर्यटन, चिकित्सा, निगरानी और निजी विमानन गतिविधियों के लिए किया जाता है। कंपनी को सालाना 60-70 एच130 के फ्यूजलेज का उत्पादन करने की उम्मीद है।इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने की। उन्होंने कहा कि H130 हेलीकॉप्टर के निर्माण और संयोजन के लिए हुआ यह अनुबंध एयरबस जैसी वैश्विक कंपनियों के भारतीय उद्योग की क्षमता में विश्वास का प्रमाण है।
इस समझौते के तहत, महिंद्रा एंड महिंद्रा H130 हेलिकॉप्टर की मुख्य असेंबली का उत्पादन करेगी, जिसे यूरोप में एयरबस हेलिकॉप्टर की सुविधाओं में भेजा जाएगा। महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर के अनुसार, पहली केबिन असेंबली साल 2027 के मार्च महीने तक डिलिवर होने वाली है। इस मौके पर एयरबस इंडिया के अध्यक्ष और दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रबंध निदेशक रेमी मैलार्ड ने कहा कि एयरबस भारत में निवेश करना जारी रखेगी और उसका 2030 से पहले भारत से कलपुर्जों और सेवाओं की खरीद को बढ़ाकर दो अरब डॉलर करने का लक्ष्य है।
साल 2024 में भारत से खरीद 1.4 अरब डॉलर थी, जो वर्ष 2023 में दर्ज एक अरब डॉलर और वर्ष 2019 के 50 करोड़ डॉलर से अधिक है। महिंद्रा समूह पहले से ही एयरबस वाणिज्यिक विमान कार्यक्रमों के लिए विभिन्न भागों और उप-असेंबली की आपूर्ति करता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा उड्ड्यन बाजार बने की दिशा में अग्रसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक बनने के लिए एक दम तैयार है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 20 सालों में 2200 से अधिक विमानों के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। वर्ष 2030 तक भारत सालाना 630 मिलियन यात्रियों को संभालेगा, जो 6-8% की वार्षिक दर से बढ़ेगा। अगले 10-15 सालों में डोमेस्टिक एयरोस्पेस विनिर्माण बाजार 10 बिलियन डॉलर के उद्योग में विकसित हो सकता है।
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