त्योहारों से पहले केंद्र सरकार ने आम लोगों और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। जीएसटी काउंसिल बैठक में टैक्स ढांचे को सरल करते हुए केवल दो स्लैब (5% और 18%) रखे गए हैं। इस फैसले का असर सीधा गाड़ियों की कीमतों और कस्टमर्स की जेब पर पड़ेगा। ऐसे में लोगों के सवाल है कि कौन सी गाड़ियां सस्ती हो और कौन सी महंगी? तो आइए इस रिपोर्ट में देखते हैं कि सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ियों पर इसका क्या असर है।
छोटी और मिड-साइज कारों की कीमत गिरी
पहले छोटी और मिड-साइज कारों पर 28% तक जीएसटी लगता था, लेकिन अब इन पर सिर्फ 18% टैक्स देना होगा। यह बदलाव 1200 सीसी तक की पेट्रोल कारों और 1500 सीसी तक की डीजल कारों पर लागू होगा, बशर्ते इनकी लंबाई 4 मीटर से कम हो। उदाहरण के तौर पर समझे तो इसका सीधा फायदा मारुति सुजुकी ऑल्टो, टाटा नेक्सन, हुंडई i10, i20, वेन्यू, किआ सॉनेट और ऑरा जैसी कारों के खरीदारों को मिलेगा।
बाइक और स्कूटर की खरीदारी का मौका
सरकार ने 350 CC तक की बाइक्स और स्कूटरों पर जीएसटी घटाकर 28% से 18% कर दिया है। इस श्रेणी में देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली हीरो स्प्लेंडर, होंडा शाइन, बजाज पल्सर, टीवीएस अपाचे और केटीएम ड्यूक जैसी बाइक्स आती हैं। यानी आम लोगों की रोजमर्रा की बाइक अब पहले से सस्ती होंगी, क्योंकि टैक्स घटा है।
हालांकि, 350 सीसी से ज्यादा इंजन वाली प्रीमियम बाइकों पर अब 40% जीएसटी देना होगा, जिससे उनकी कीमत बढ़ जाएगी।
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महिंद्रा थार और SUV पर असर
गाड़ियों पर जीएसटी उनकी लंबाई और इंजन के आधार पर तय होगा। महिंद्रा थार का थ्री-डोर मॉडल 4 मीटर से छोटा है और इसमें 1.5 लीटर इंजन का विकल्प भी है, इसलिए इस पर 18% जीएसटी लगेगा और यह सस्ती होगी।
लेकिन थार रॉक्स (फाइव-डोर मॉडल) की लंबाई 4 मीटर से ज्यादा है और यह 2.0 लीटर इंजन के साथ आती है। इस पर 40% टैक्स लगेगा, जिससे यह महंगी हो जाएगी। इसी तरह टाटा नेक्सन की लंबाई 3,995 मिमी है और इसमें 1.2 लीटर पेट्रोल और 1.5 लीटर डीजल इंजन मिलता है। दोनों इंजन 1,500 सीसी से नीचे हैं, इसलिए अब इस पर भी सिर्फ 18% जीएसटी लगेगा।
ऑटो पार्ट्स होंगे सस्ते
जीएसटी काउंसिल ने सिर्फ गाड़ियों ही नहीं, बल्कि ऑटो पार्ट्स पर भी बड़ा फैसला लिया है। अब सभी ऑटो कंपोनेंट्स पर, चाहे उनका HS कोड कुछ भी हो, 18% का समान टैक्स लगेगा। इससे स्पेयर पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को फायदा मिलेगा और ग्राहकों के लिए गाड़ियों का रख-रखाव भी सस्ता हो जाएगा।
सरकार का प्लान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी स्लैब में यह बदलाव आम जनता को राहत देने और टैक्स सिस्टम की जटिलताओं को खत्म करने के लिए किया गया है। इस कदम से ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर और लेबर-इंटेंसिव सेक्टर को मजबूती मिलेगी और त्योहारों के सीजन में बाजार को नई रफ्तार मिलेगी।