India EV: देश में पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले साल कुल व्हीकल्स में EV की हिस्सेदारी करीब 7.4% थी। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2030 तक बढ़कर 30-35% पर पहुंचने का अनुमान है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से EV की सेल्स बढ़ाने के लिए इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। SBI Capital Markets की “SBI Capital Markets” रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में पिछले साल प्रत्येक चार व्हीकल्स की बिक्री में एक EV था। इस रिपोर्ट में बताया गया कि देश में EV की सेल्स तेजी से बढ़ सकती है। यह उसकी तरह हो सकता है जैसे टेलीकॉम सेक्टर में 3G से 4G पर शिफ्ट हुआ था। इनमें EV पर 5% का GST बहुत से राज्यों में कम रोड टैक्स और PM E-DRIVE के साथ ही FAME स्कीम्स के तहत सब्सिडी शामिल हैं।
देश में EV की सेल्स में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की बड़ी हिस्सेदारी है। हालांकि, इन व्हीकल्स की बिक्री बढ़ाने में ज्यादा कीमत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी जैसी रुकावटें भी हैं। दुनिया भर में क्लाइमेट चेंज और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों के प्रभाव को घटाने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश की जा रहीहै। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स भी बड़ा योगदान दे सकते हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वित्त वर्ष 2030 तक 100 GWh की बैटरी कैपेसिटी तक पहुंचने के लिए लगभग 600 अरब रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरत पड़ेगी। भारत में बैटरी की जरूरतों का लगभग 75% इम्पोर्ट से पूरा किया जाता है।
आपको बता दें कि पिछले साल रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर Nitin Gadkari ने कहा था कि देश की EV इंडस्ट्री 2030 तक लगभग 20 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है। यह इंडस्ट्री अभी 4.50 लाख करोड़ रुपये की है। अगले 5 सालों में इस इंडस्ट्री में रोजगार के लगभग 5 करोड़ अवसर बनने की उम्मीद है। गडकरी ने बताया कि अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट है। इसके बावजूद देश में EV की संख्या काफी कम है।
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