अमेरिका ने 3 अप्रैल से इंपोर्टेड गाड़ियों और उनके पार्ट्स पर 25% इंपोर्ट ड्यूटी लागू होने जा रही है, हालांकि भागों पर टैरिफ 3 मई से प्रभावी होंगे। ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद दुनियाभर के ऑटो बाजार में हलचल मच गई है इतना ही नहीं इससे शेयर मार्केट में भी काफी उथल-पुथल चल रही है। हालांकि, ट्रम्प के इस फैसले का भारतीय कार बाजार पर कोई असर नहीं होगा, बल्कि ये भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए एक मौका बन सकता है। अमेरिकी प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप के इस फैसले के बीच ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने यह बात कही है।
अगर आप कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको यह जानना ज़रूरी है
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए इन नए करों के कारण किसी दूसरे देश से आयात की जाने वाली कार की औसत लागत हज़ारों डॉलर बढ़ जाएगी। इसके अलावा, कार के पार्ट्स पर लगाए गए टैरिफ़ के कारण न केवल कार खरीदना, बल्कि उसका मालिक होना भी महंगा हो जाएगा, जिससे अंततः ऑटो सर्विस बिलों की लागत बढ़ सकती है।
कार सर्विस बाजार मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है, खासकर अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों से। एपी के अनुसार, यदि आप अपनी कार को सर्विस के लिए ला रहे हैं, तो संभावना है कि इसका कोई हिस्सा दूसरे देश से आएगा।
कार खरीदने के लिए दौड़ पड़े लोग
टैरिफ लागू होने से पहले, एक्सपर्ट खरीदारों को सलाह दे रहे हैं कि वे नए वाहन खरीदने के लिए दौड़ पड़ें, ताकि नए टैरिफ के तहत उन्हें हज़ारों डॉलर ज़्यादा देने से बचा जा सके। ऑटोफोरकास्ट सॉल्यूशंस के अध्यक्ष और सीईओ जो मैककेबे ने कहा, “आज जो वाहन और इन्वेंट्री मौजूद हैं, उन पर टैरिफ का कोई असर नहीं पड़ा है, इसलिए कार खरीदने का यह सही समय है। अब देखना को टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका के कार बाजार पर कितना असर पड़ता है।
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