Hybrid Technology: भारत में आने वाला समय हाइब्रिड कारों होने वाला है। लगातार नए-नए मॉडल लॉन्च हो रहे हैं। हाइब्रिड कारों की कीमत भले ही ज्यादा हो पर डेली यूज़ के लिए ये परफेक्ट साबित हो सकती हैं। माइक्रो हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पेट्रोल या डीजल कारों की तुलना में थोड़ी अधिक फ्यूल एफिशिएंट होती है, लेकिन यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड कार नहीं होती। इस टेक्नोलॉजी में मुख्य रूप से स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिससे फ्यूल की बचत होती है और कार का माइलेज बढ़ता है। आइये जानते हैं माइक्रो हाइब्रिड कार कैसे काम करती है?
ऑटोमैटिक स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम:
जब कार ट्रैफिक सिग्नल या जाम में रुकती है, तो इसका इंजन अपने आप बंद हो जाता है।जैसे ही ड्राइवर क्लच दबाता है (मैनुअल कार में) या एक्सीलरेटर दबाता है (ऑटोमैटिक कार में), इंजन फिर से अपने आप स्टार्ट हो जाता है।इससे ईंधन की बचत होती है और कार से होने वाला कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
रीजनरेटिव ब्रेकिंग (कुछ मॉडल्स में):
कुछ माइक्रो हाइब्रिड कारों में ब्रेक लगाने पर बैटरी चार्ज होती है, जिससे इलेक्ट्रिकल सिस्टम के लिए एक्स्ट्रा एनर्जी मिलती है।
एडवांस बैटरी और अल्टरनेटर:
माइक्रो हाइब्रिड कारों में सामान्य से ज्यादा क्षमता वाली बैटरी होती है, जो बार-बार स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम को सपोर्ट कर सकती है। स्मार्ट अल्टरनेटर इंजन की आवश्यकता के अनुसार बैटरी को चार्ज करता है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है।
माइक्रो हाइब्रिड के फायदे:
- फ्यूल की बचत: बार-बार इंजन बंद और चालू होने की वजह से 3-5% तक माइलेज बढ़ सकता है।
- कम प्रदूषण: कम ईंधन जलने से CO₂ उत्सर्जन 5-10% तक घट जाता है।
- इंजन की लाइफ बढ़ती है: कम फ्यूल जलने और ऑप्टिमाइज्ड परफॉर्मेंस की वजह से इंजन पर कम लोड पड़ता है।
- स्मूद ड्राइविंग एक्सपीरियंस: स्टार्ट-स्टॉप फीचर से कार शांत और एफिशिएंट बनती है।
माइक्रो हाइब्रिड टेक्नोलॉजी सस्ती और एफिशिएंट होती है, जिससे बिना ज्यादा कीमत बढ़ाए कार को अधिक माइलेज और कम प्रदूषण के साथ चलाया जा सकता है। हालांकि, यह फुल हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक कारों जितनी एडवांस नहीं होती, लेकिन शहरों में ट्रैफिक वाली जगहों के लिए यह काफी फायदेमंद है!
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