इन दोनों गर्मी खूब पड़ रही है। जो लोग अपनी कार से सफ़र करते हैं और काफी समय कार में ही बिताते हैं, उन लोगों को AC की भी काफी जरूरत पड़ती है। वैसे ही गर्मी में एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल बढ़ जाता है। वहीं इससे पेट्रोल की खपत में भी इजाफा होता है। इससे आपकी जेब पर भी दबाव बढ़ जाता है। अब सवाल ये आता है कि लंबे समय तक AC चलाने से कार की माइलेज पर कितना असर पड़ता है ? और फ्यूल की कितनी खपत बढ़ जाती है ? यहां हम आपको यह भी जानकारी दे रहे।
इस वजह से बढ़ती है फ्यूल की खपत
कार में कंप्रेसर AC का अहम् पार्ट है, जो इंजन से जुड़ी बेल्ट से संचालित होता है। जब एयर कंडीशनर ऑन करते हैं तो इंजन कार और AC दोनों को पावर देता है। इससे पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है।यह टेम्प्रेचर, ड्राइविंग स्पीड और वाहन के प्रकार के आधार पर कुछ प्रतिशत कम हो सकती है। ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन की मानें जब कार में AC चलता है तो फ्यूल की खपत भी बढ़ती है। लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होती। आपकी दूरी अगर कम है तो माइलेज पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता। लेकिन, वहीं आप एक लंबी यात्रा पर जा रहे हैं और लगातार 3-4 घंटे AC चालू रहता है तो माइलेज में 5 से 10% गिरावट आ सकती है।
AC भी चलेगा, फ्यूल भी बचेगा
कार में एयर कंडीशनर ऑन करने पर सबसे पहले कंप्रेसर रेफ्रिजरेंट गैस का प्रेशर बनाता है, इससे एक दबाव पैदा होता है,जो टेम्प्रेचर को liquid में तब्दील कर देता है। इसके बाद ये liquid बाहर की हवा से मिलकर गर्मी को बाहर की तरफ फेंकता है और ठंडा हो जाता है, जब रिसीवर ड्रायर से नमी मिट जाती है तो ये और भी ठंडा हो जाता है। इंजन स्टार्ट बाद ही AC कंप्रेसर से जुड़ी बेल्ट घूमती है और कूलिंग होना शुरू हो होती है।
कार में AC चलाने का सही तरीका
कार में टेम्प्रेचर को मेंटेन रखने के लिए AC ऑन करें और जब कार ठंडी हो जाए तो AC बंद कर दें, ऐसा करने से कार की माइलेज पर असर भी नहीं पड़ेगा। टेम्प्रेचर को 24 डिग्री पर रखने से फ्यूल की खपत पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन अगर यह लगातार 16-18 डिग्री पर हुआ तो फ्यूल की खपत तेजी से बढ़ जाएगी। समय परAC की सर्विस या क्लीनिंग जरूर करवा लेनी चाहिए।
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