How ADAS work in car: अक्सर आपने ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) का नाम सुना ही होगा। यह एक एडवांस्ड टेक्नोलॉजी है जो गाड़ियों को सेफ और स्मार्ट बनाती है। यह सिस्टम कैमरा, सेंसर, और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से सड़क के हालात को मॉनिटर करता है और ड्राइवर को अलर्ट करता है या खुद ही कुछ क्रियाएं (जैसे ब्रेक लगाना) कर सकता है। आजकल काफी काफी कारों में इस टेक्नोलॉजी को शामिल किया जाता है, जिसकी मदद गाड़ी चलते समय आसानी होती और आप सेफ भी रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कारों में ADAS कैसे काम करता है? आइये जानते हैं…
ADAS कैसे काम करता है?
ADAS सिस्टम तीन अहम् टेक्नोलॉजी पर काम करता है जिसमें सेंसर और कैमरा इनपुट, कैमरा और डेटा प्रोसेसिंग के AI शामिल है जो मिलकर काम करते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं..
सेंसर और कैमरा इनपुट
ADAS में लगे कैमरा, रडार, लिडार और अल्ट्रासोनिक सेंसर सड़क के हालात को स्कैन करते हैं।
कैमरा: ट्रैफिक साइन, लेन मार्किंग, पैदल यात्री और गाड़ियों की स्थिति को पहचानते हैं।
रडार: आगे और पीछे चल रही गाड़ियों की स्पीड और दूरी का विश्लेषण करता है।
LiDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग): 3D मैपिंग करके सड़क की वास्तविक स्थिति का पता लगाता है।
अल्ट्रासोनिक सेंसर: पार्किंग और लो-स्पीड ड्राइविंग के दौरान नज़दीकी ऑब्जेक्ट्स को डिटेक्ट करता है।
डेटा प्रोसेसिंग और AI
सेंसर से मिले डेटा को AI और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के जरिए प्रोसेस किया जाता है।
यह ड्राइवर के व्यवहार और सड़क की स्थिति को समझकर सही निर्णय लेता है।
यदि कोई खतरा हो, तो यह सिस्टम अलर्ट देता है या खुद कार्रवाई कर सकता है।
ड्राइवर अलर्ट और ऑटोमेटिक एक्शन
ADAS सिस्टम खतरा महसूस करने पर तीन तरह की प्रतिक्रियाएं दे सकता है:
अलर्ट: बीप साउंड, वाइब्रेशन, या स्क्रीन पर वार्निंग
सेमी-ऑटोमेटिक एक्शन: हल्के ब्रेक लगाना, स्टीयरिंग को सही करना
फुल-ऑटोमेटिक एक्शन: ब्रेक लगाना, लेन बदलना, क्रूज़ कंट्रोल
- डेटा प्रोसेसिंग और AI
सेंसर से मिले डेटा को AI और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के जरिए प्रोसेस किया जाता है।
यह ड्राइवर के व्यवहार और सड़क की स्थिति को समझकर सही निर्णय लेता है।
यदि कोई खतरा हो, तो यह सिस्टम अलर्ट देता है या खुद कार्रवाई कर सकता है।
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ADAS के महत्वपूर्ण फीचर्स
अडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल , ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग , ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन,ट्रैफिक साइन रिकग्निश और पार्किंग असिस्ट और 360° कैमरा शामिल हैं।
DAS के फायदे और नुकसान
फायदे:
- एक्सीडेंट की संभावना कम होती है
- ड्राइवर की थकान कम होती है
- हाईवे और ट्रैफिक में ड्राइविंग आसान बनती है
- सड़क सुरक्षा बेहतर होती है
नुकसान:
- यह सिस्टम 100% फुली ऑटोमेटेड नहीं होता, इसलिए ड्राइवर की सतर्कता बरतनी पड़ती है।
- बारिश, कोहरे या खराब सड़क पर सेंसर की परफॉर्मेंस कम हो सकती है।
- ADAS फीचर्स वाली कारें थोड़ी महंगी होती हैं।
क्या आपको ADAS वाली कार लेनी चाहिए?
अगर ड्राइविंग के दौरान सेफ्टी को वैल्यू देते हैं और हाईवे/सिटी ड्राइविंग ज्यादा करते हैं, तो ADAS वाली कार एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
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