Driving Licence: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अभी तक लोगों को अपने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ऑफिस और वहां बैठे बाबू लोगो के व्यवहार का सामना करना पड़ता था। कई RTO ऑफिस में बिना दलाल के काम करवाना बहुत मुश्किल हो जाता था। अब केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों को काफी सरल बना दिया है। लंबी लंबी लाइनों में खड़े होने से बचने के लिए आज की खबर हम आपको कुछ ऐसे आसान नियम बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप आसानी से अपने ड्राइविंग लाइसेंस को बना सकते है।
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Driving Licence: इन नये नियमों के मुताबिक अब आपको आरटीओ में जाकर किसी भी प्रकार का ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन दिशानिर्देशों की घोषणा की है, और ये अब प्रभावी हैं। सबसे पहले आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स से आप लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके बाद आवेदक को ट्रेनिंग स्कूल या सेंटर में ट्रेनिंग पूरी करनी होगी और वहां की परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद एक सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदक का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।
Driving Licence: Rules
ट्रेनिंग का का थ्योरेटिकल पार्ट की अवधि 8 घंटे की है साथ ही इसमें सड़क नियम, रोड रेज, यातायात शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और वाहन चलाते समय माइलेज जैसे विषयों को शामिल किया जाएड्राइविंग लाइसेंस के लिए मंत्रालय की ओर से कोर्स तैयार किया गया है।
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इस कोर्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल में विभाजित किया गया है। लाइट मोटर व्हीकल के लिए कोर्स की अवधि 4 सप्ताह की दी है जो कि 29 घंटे चलेगा। वहीं Practical वालो को कम से कम 21 घंटों के लिए लोगों को सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, पार्किंग और डाउनहिल ड्राइविंग अन्य चीजों के साथ ड्राइव करना सीखना अनिवार्य है।
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