Car Delivery Buying Tips: दिवाली और धनतेरस पर नई कार की डिलीवरी लेना बहुत से लोगों के लिए एक बड़ा और खास मौका होता है. नई कार का इंतजार तो सभी को बेसब्री से रहता है, लेकिन इस खुशी के साथ थोड़ी सावधानी भी जरूरी है. डिलीवरी के वक्त अगर आपने कार की अच्छे से जांच नहीं की, तो बाद में दिक्कतें सामने आ सकती है और तब डीलर की जिम्मेदारी तय करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए नई कार की डिलीवरी लेते समय एक चेकलिस्ट जरूर होती है आइए जानते हैं इसकी पूरी डिटेल…
बाहरी हिस्सों की अच्छी तरह जांच करें
सबसे पहले कार के बाहरी भाग को ध्यान से देखें. कई बार फैक्ट्री से स्टॉकयार्ड और शोरूम तक के सफर में कार पर हल्की-फुल्की खरोंचें या डेंट आ सकते हैं. कार के चारों ओर धीरे-धीरे घूमें और बंपर, दरवाजे और किनारों को ध्यान से देखें. पेंटवर्क में कोई गड़बड़ी या दोबारा पेंट करने के निशान तो नहीं हैं, इसकी भी जांच करें. अगर कुछ गड़बड़ दिखे तो डीलर को तुरंत बताएं.
इंटरनल हिस्सों पर भी नजर डालें
बाहरी जांच के बाद कार के अंदर जाएं और सीटों, डैशबोर्ड और ग्लवबॉक्स को ध्यान से देखें. सीटों पर कोई दाग-धब्बे या कटाव न हो, शीशों पर कोई दरार न हो इन बातों को अनदेखा न करें. फर्श की मैट हटाकर नीचे की सतह पर नमी या खराबी की जांच भी जरूर करें.
इंजन और फ्लूइड लेवल की जांच
बोनट खोलें और इंजन ऑयल, ब्रेक फ्लूइड, कूलेंट और वॉशिंग फ्लूइड जैसे तरल पदार्थों का लेवल जांचें. इंजन स्टार्ट करें और कुछ देर आइडल पर चलने दें. किसी भी तरह के रिसाव, अजीब आवाज या कंपन पर ध्यान दें. साथ ही एग्जॉस्ट से काला धुआं तो नहीं निकल रहा, यह भी जांचें.
एसी और वेंटिलेशन सिस्टम की जांच
एयर कंडीशनिंग सिस्टम चालू करें और देखें कि केबिन कितनी जल्दी ठंडा होता है. ज्यादातर नई गाड़ियां स्टॉकयार्ड में कई दिनों तक खड़ी रहती हैं, जिससे एयर डक्ट में धूल जमा हो सकती है. अगर कार लंबे समय से खड़ी है, तो ईंधन भी खत्म हो सकता है. इसलिए इस हिस्से को जरूर परखें.
इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर ध्यान दें
कार के सभी इलेक्ट्रिकल फीचर्स जैसे हेडलाइट, ब्रेक लाइट, इंडिकेटर, फॉग लैंप, केबिन लाइट, पावर विंडो और म्यूजिक सिस्टम को चालू कर जांचें. कई बार चूहों या नमी की वजह से वायरिंग को नुकसान पहुंच सकता है. इस जांच को हल्के में न लें.
टायर और एक्सेसरीज की जांच करें
नई कार के टायरों में पर्याप्त ट्रेड होना चाहिए. अगर कार लंबे समय तक खड़ी रही हो, तो टायर में फ्लैट स्पॉट आ सकते हैं. चारों टायरों के साथ-साथ स्पेयर टायर, जैक और टूल किट की भी जांच करें ताकि बाद में परेशानी न हो.
ओडोमीटर और फ्यूल की स्थिति देखें
नई कार का ओडोमीटर 100-150 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर ज्यादा रीडिंग दिखाई दे तो डीलर से वजह पूछें. साथ ही डिलीवरी के वक्त आमतौर पर कम से कम 5 लीटर फ्यूल दिया जाता है. ईंधन का लेवल देख लें ताकि पास के पेट्रोल पंप तक आसानी से पहुंच सकें.
टेस्ट ड्राइव जरूर लें
डीलर के प्रतिनिधि के साथ छोटी सी टेस्ट ड्राइव पर निकलें. स्टीयरिंग, गियर, ब्रेक और सस्पेंशन की स्मूदनेस महसूस करें. गाड़ी में किसी तरह की अनचाही आवाज, झटका या कंपन पर नजर रखें. सस्पेंशन सिस्टम को असमान सड़कों पर परखना अच्छा रहता है.
कागजात की पूरी जांच करें
सब कुछ ठीक लगने के बाद सबसे अहम काम है डॉक्युमेंट्स की जांच. फॉर्म 22 जरूर मांगें, जिसमें इंजन नंबर, चेसिस नंबर और बनने की तारीख दर्ज होती है. सुनिश्चित करें कि यह नंबर कार के असली नंबरों से मेल खाते हों. अपने नाम और पते की स्पेलिंग भी सही होनी चाहिए, क्योंकि बाद में बदलाव मुश्किल होता है.
त्योहार की खुशी को बनाएं सेफ
धनतेरस पर नई कार की डिलीवरी लेना एक यादगार पल होता है. लेकिन इस खुशी में अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हो जाए, तो आगे परेशानी झेलनी पड़ सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप यह सारी जांच उसी वक्त कर लें, ताकि बाद में कोई पछतावा न हो और त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाए.
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