Electric Vehicle Charger: सड़कों पर धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। यह ईवी कार AC (अल्टरनेटिंग करंट) चार्जिंग और DC (डायरेक्ट करंट ) फास्ट चार्जिंग दो तरह से चार्ज होती है। डीसी में समय कम लगता है और एसी में कार फुल चार्ज होने में थोड़ा अधिक समय लेती है।
AC या DC दोनों तरह से चार्जिंग के दौरान गर्मी पैदा होती है
गलत चार्जिंग से कई बार हमारी बैटरी खराब होने का खतरा बना रहता है। आइए आपको एसी और डीसी चार्जिंग के बारे में बताते हैं। जानकारी के अनुसार AC या DC दोनों तरह से चार्जिंग के दौरान गर्मी पैदा होती है। इसलिए कहते हैं कि फास्ट-चार्जिंग से बैटरी जल्दी खराब होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
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फास्ट चार्जिंग तभी करनी चाहिए जब बहुत इमरजेंसी हो
फास्ट चार्जिंग तभी करनी चाहिए जब बहुत इमरजेंसी हो। रोजाना एसी चार्जर का इस्तेमाल करने से बैटरी की ड्यूरेबिलिटी बढ़ती है। बैटरी के अंदर सेल्स होते हैं। सेल्स को समान स्तर पर चार्ज किया जाना चाहिए। फास्ट चार्जर से इनके खराब होने का चांस अधिक होता है।
इसमें कार की बैटरी को सीधे पावर पहुंचता है
जानकारी के अनुसार किसी भी ग्रिड से जो पॉवर मिलती है वह AC होती है। जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी हमेशा DC के रूप में पॉवर स्टोर करती है। इलेक्ट्रिक वाहनों में कनवर्टर कार के अंदर बनाया जाता है। जिसे ऑनबोर्ड चार्जर कहते हैं। यह पॉवर को एसी से डीसी में कन्वर्ट करके बैटरी में स्टोर करता है। डीसी चार्जर में चार्जर के अंदर ही कनवर्टर होता है। इसमें कार की बैटरी को सीधे पावर पहुंचता है। इसमें पावर को कन्वर्ट के लिए ऑनबोर्ड चार्जर की जरूरत नहीं है।
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