GST on Used Cars: जीएसटी काउंसिल की 55वीं मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ऑटो कंपनी और डीलर से सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 18% GST लगेगा। ऐसे में मिडिल क्लास के लिए यह एक नई चिंता का विषय बन गया है। सेकंड हैंड कार वो लोग खरीदते हैं जिनका बजट नई कार खरीदने का नहीं होता। ऐसे में 18% GST के चलते अब पुरानी कार खरीदना भी जेब पर भारी पड़ने वाला है। वहीं 1 जनवरी, 2025 से नई कार खरीदना भी महंगा हो जाएगा, क्योंकि लगभग सभी कार कंपनियां अपनी कारों की कीमतों में 4% तक का इजाफा करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में 31 दिसंबर तक कार खरीदने का बढ़िया मौका है क्योंकि डिस्काउंट के साथ आपको पुरानी कीमत में ही कार मिलेगी।
12% की जगह 18% लगेगा टैक्स
GST कांउसिल ने 55वीं बैठक में सेकंड हैंड कारों पर लगने वाले टैक्स को 12% से बढ़ाकर 18% करने का फैसला किया है। काउंसिल की तरफ से नए रेट ओल्ड व्हीकल सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों या डीलर्स की ओर से खरीदे जाने वाले वाहनों पर ही लागू होंगे।
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ऐसे नहीं लगेगा GST
अगर आप सीधे अपनी पुरानी कार बेच रहे हैं, तो आपको GST नहीं देना पड़ेगा। इसे में आप अपनी गाड़ी की सही वैल्यू पता करने के बाद ही बेचें। सेकंड हैंड कारों पर GST की नई दर पर्सनल खरीदारों पर लागू नहीं होगी। पुरानी कारों पर GST की नई दर पर्सनल खरीदारों पर लागू नहीं होगी। यानी अगर आप किसी से डायरेक्ट पुरानी कार खरीदते हैं, तो आपको 18% GST की बजाय 12%ही टैक्स देना होगा। लेकिन पुरानी कार बेचने पर भी आपको 18% GST देना होगा।
वहीं नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर आपको 5% GST देना होगा। GST रेट बढ़ने से नई और पुरानी कारों की कीमतों के बीच का अंतर कम हो सकता है। लेकिन नए साल में पुरानी कारों की बिक्री जरूर प्रभावित हो सकती है। आसान भाषा में समझें तो अब देश में सेकेंड कारों की कीमतों में इजाफा हो जाएगा। और जो आम आदमी पुरानी सस्ती समझकर खरीदता है उनकी जेब पर असर पड़ेगा।
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