Daily Horoscope: 29 जून 2025 के दिन कुछ राशि वालों को परेशानी हो सकती है। इस दिन सुबह 9:14 तक आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी, जिसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। योग के मामले में वज्र योग, जो उग्र और तीव्र ऊर्जा वाला होता है, शाम 5:59 तक रहेगा, इसके बाद सिद्धि योग लगेगा, जो सफलता और शांति का प्रतीक है। नक्षत्र में बदलाव सुबह 6:34 पर होगा, जब अश्लेषा नक्षत्र खत्म होकर मघा नक्षत्र शुरू होगा।
करण की बात करें तो विष्टि (भद्रा) करण सुबह 9:14 तक रहेगा, जो कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है, इसके बाद बव करण शाम 9:13 तक और फिर बालव करण प्रभावी होगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा सुबह 6:34 तक कर्क राशि में रहेंगे, फिर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जहां मंगल और केतु के साथ युति बनाएंगे। शुक्र मेष राशि में, सूर्य और बृहस्पति मिथुन राशि में, बुध कर्क राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। चंद्रमा, मंगल और केतु की यह त्रिग्रही युति सिंह राशि में इस दिन की सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जो कुछ राशियों के लिए चुनौतियां ला सकती है। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए दिन समस्याओं से भरा रहेगा और इसको शुभ बनाने के लिए क्या करें?
कर्क राशि
चंद्रमा सुबह 6:34 तक कर्क राशि वालों की कुंडली के पहले भाव में रहेंगे और इसके बाद सिंह राशि के द्वितीय भाव में मंगल-केतु के साथ युति बनाएंगे। यह युति आर्थिक अस्थिरता, वाणी में कटुता या गलतफहमियां पैदा कर सकती है। विष्टि करण और वज्र योग की मौजूदगी सुबह के समय संचार में रुकावटें या भावनात्मक तनाव बढ़ा सकती है। कर्क राशि वालों को इस दिन बड़े वित्तीय जोखिम, जैसे निवेश या उधार देना आदि टालना चाहिए। पारिवारिक विवादों से भी बचने की जरूरत है।
उपाय: सुबह शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और ‘ॐ सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए चंद्रमा, मंगल और केतु की युति 11वें भाव में बनेगी। मंगल-केतु की उग्र ऊर्जा और वज्र योग के प्रभाव से दोस्तों या सहकर्मियों के साथ बहस या गलतफहमियां हो सकती हैं। विष्टि करण के कारण सुबह के समय व्यापारिक साझेदारियों में सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि संचार में गलतियां नुकसान पहुंचा सकती हैं। अश्लेषा नक्षत्र की प्रारंभिक अवधि मानसिक तनाव को बढ़ा सकती है।
उपाय: सुबह हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु राशि
धनु राशि के लिए चंद्रमा, मंगल और केतु की त्रिग्रही युति नवम भाव में होगी, जो भाग्य से जुड़े मामलों में रुकावटें ला सकती है। मंगल और केतु की उग्रता के कारण लंबी दूरी की यात्राएं जोखिम भरी हो सकती हैं, खासकर सुबह के समय जब विष्टि करण प्रभावी रहेगा, तब ट्रैवल करने से बचें। धनु राशि वालों को अपने विचारों या विश्वासों को लेकर जिद्दी रवैया अपनाने से बचना चाहिए। धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने से पहले सावधानी बरतें।
उपाय: गणेश मंदिर में दूर्वा चढ़ाएं और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में राहु की उपस्थिति पहले से ही मानसिक उलझनें पैदा कर रही है, और इनके सातवें भाव में चंद्रमा, मंगल-केतु की युति बनेगी। यह वैवाहिक जीवन या बिजनेस पार्टनरशिप में तनाव ला सकती है। विष्टि करण और वज्र योग गलतफहमियों को बढ़ा सकते हैं। कुंभ राशि वालों को अपने पार्टनर के साथ संवाद में सावधानी बरतनी चाहिए और नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर हस्ताक्षर करने से बचना चाहिए।
उपाय: सुबह सूर्य को जल अर्पित करें और ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का 12 बार जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।