---विज्ञापन---

ज्योतिष

Shukra Yoga: शुक्र का इन 3 भावों में होना लाता है छप्पर फाड़ धन, देखें अपनी कुंडली

यदि आपकी कुंडली में शुक्र इन भावों में स्थित हैं और शुभ ग्रहों से दृष्ट या युक्त हैं, तो समझ लीजिए कि जीवन में धन, ऐश्वर्य, कला और सुख आपके कदम चूम सकते हैं। आइए जानते हैं, किन भावों में शुक्र योग छप्पर फाड़ धन और सुख बरसाता है?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 2, 2025 17:32
shukra-yoga-venus-in-kundli

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को ऐश्वर्य, प्रेम, सुंदरता, कला, भोग-विलास और वैवाहिक सुख का कारक माना गया है। अगर कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में हों और विशेष रूप से कुछ खास भावों में विराजमान हों, तो यह व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव और सुख-समृद्धि की वर्षा कर सकते हैं। इस योग को शुक्र योग कहा जाता है।

शुक्र ग्रह को अंग्रेजी में ‘वीनस’ कहते हैं। यहां हम जानेंगे कि कौन-से 3 भाव ऐसे हैं, जहां शुक्र ग्रह का विराजमान होना जीवन में ‘छप्पर फाड़’ धन और ऐश्वर्य देता है? साथ ही, हम यह भी समझेंगे कि अन्य कौन-से भावों में शुक्र की उपस्थिति जीवन को कलात्मक, आकर्षक और सुखमय बनाती है?

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: धन-समृद्धि की चाबी यह पौधा, शनिवार की रात इन 5 उपायों से पाएं सौभाग्य का वरदान

दूसरा भाव

कुंडली का दूसरा भाव व्यक्ति के जमा धन, पारिवारिक संपत्ति और वाणी से जुड़ा होता है। इस भाव को ‘धन भाव’ कहा जाता है। यदि शुक्र इस भाव में मजबूत स्थिति में हों, तो जातक को जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती। बैंक बैलेंस में वृद्धि होती रहती है। ऐसे व्यक्ति बोलने में मीठे होते हैं और उनकी वाणी से लोग प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही, ये लोग पारिवारिक रूप से भी समृद्ध होते हैं और कला या सुंदरता से जुड़े क्षेत्रों में खूब तरक्की करते हैं।

---विज्ञापन---

ग्यारहवां भाव

कुंडली का एकादश यानी ग्यारहवां भाव ‘लाभ स्थान’ कहलाता है। यह भाव जीवन में मिलने वाले लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और सामाजिक नेटवर्क से जुड़े लाभों का प्रतिनिधित्व करता है। जब शुक्र इस भाव में होते हैं, तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में लाभ मिलने लगता है, चाहे वह व्यवसाय हो, नौकरी, या फिर समाज में मान-सम्मान।
विशेषकर, वे लोग जो फिल्म, फैशन, कला या डिज़ाइन जैसी इंडस्ट्री से जुड़े होते हैं, उन्हें अपार सफलता मिल सकती है। यह देखा गया है कि इस भाव के बली शुक्र बड़े स्रोतों से धन लाभ करवाते हैं।

बारहवां भाव

बारहवां भाव ज्योतिष में खर्च, यात्रा, मोक्ष के साथ भोग-विलास का भाव माना जाता है। लेकिन जब शुक्र यहां स्थित होते हैं, तो यह भोग-विलास, आरामदायक जीवन और विदेशी स्रोतों से लाभ दिला सकते हैं। भौतिक सुख-सुविधाओं में हमेशा वृद्धि होती रहती है। ऐसे जातक विलासिता में जीवन बिताते हैं। महंगे कपड़े, गाड़ियां, सुगंध और विदेश यात्राएं इनके जीवन का हिस्सा बनती हैं।

अन्य लाभकारी भावों में शुक्र

पहला भाव: पहला भाव यानी लग्न में शुक्र का होना व्यक्ति को आकर्षक, सौंदर्यप्रेमी, और कलात्मक बनाता है। ऐसे लोग समाज में जल्दी प्रसिद्ध होते हैं और उनका व्यक्तित्व दूसरों को आकर्षित करता है।

सातवां भाव: शुक्र का यह स्थान विवाह भाव है। यदि शुक्र यहाँ शुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय, प्रेमपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण रहता है। यह योग जीवनसाथी से सहयोग और भौतिक आनंद दिलाता है।

ये भी पढ़ें:  Tulsi Ke Niyam: इन तिथियों पर भूल से भी न तोड़ें तुलसी, वरना लगता है ब्रह्म हत्या जैसा पाप

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 02, 2025 05:32 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें