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ज्योतिष

इन 3 राशियों की लगेगी वॉट, 16 मई तक शनि के नक्षत्र में शुक्र के होने से रहें सावधान!

शुक्र देव ने 26 अप्रैल को शनि के नक्षत्र में गोचर किया है, जहां पर वह 16 मई 2025 तक मौजूद रहेंगे। शुक्र जब भी शनि के नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो शुभ भावों में शुक्र का प्रभाव शनि के कारण थोड़ा कम हो जाता है। इस कारण कुछ राशि वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इन 21 दिन के दौरान किन-किन राशियों के लोगों को इस गोचर से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Apr 26, 2025 11:14
Shukra Gochar 2025

26 अप्रैल देर रात शुक्र देव ने नक्षत्र परिवर्तन कर लिया है। इस समय शुक्र देव उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में मौजूद हैं, जिसके स्वामी शनि देव हैं। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को जहां प्यार, धन, कला, सुंदरता और प्रसिद्धि का कारक माना जाता है, वहीं शनि देव कर्मफल और न्याय के देवता हैं। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, 26 अप्रैल 2025 को प्रात: काल 12 बजकर 2 मिनट पर शुक्र देव ने उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में कदम रखा है, जहां पर वह 16 मई तक मौजूद रहेंगे।

26 अप्रैल से लेकर 16 मई 2025 को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक शुक्र देव शनि के नक्षत्र में रहेंगे। इन 21 दिनों के दौरान कुछ राशि वालों को विशेष रूप से सावधान और सतर्क रहना आवश्यक होगा। अन्यथा इनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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ये 3 राशि वाले रहें सावधान!

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के 10वें भाव में इस गोचर का असर होगा। यह भाव कर्म का है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश से करियर में रुकावटें, कार्यस्थल पर तनाव या बॉस/सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं। शनि के नक्षत्र में शुक्र का प्रवेश इस भाव में पॉजिटिविटी को दबा सकता है। इससे मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। इसके अलावा प्रोफेशनल ग्रोथ में देरी और अनिश्चितता रहेगी।

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उपाय- शुक्रवार को सफेद फूल किसी भी मंदिर में अर्पित करें।

कन्या राशि

शुक्र का यह गोचर आपके 7वें भाव पर असर डालेगा। यह गोचर वैवाहिक जीवन में तनाव, गलतफहमी या पार्टनर के साथ भावनात्मक दूरी ला सकता है। बिजनेस पार्टनरशिप में भी समस्याएं हो सकती हैं। शनि का प्रभाव रिश्तों में ठंडापन या गंभीरता लाता है लेकिन शुक्र की सुखदायक प्रकृति कमजोर पड़ सकती है। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।

उपाय- शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें और कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें।

धनु राशि

धनु राशि के चौथे भाव पर इस गोचर का असर होगा। इस दौरान पारिवारिक तनाव, माता के स्वास्थ्य में छोटी-मोटी दिक्कतें या घरेलू सुख में कमी हो सकती है। संपत्ति या वाहन से जुड़े मामलों में भी रुकावटें आ सकती हैं। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि हैं, जो शुक्र की सुख-सुविधा और भौतिक आनंद देने वाली प्रकृति को दबा सकता है। चौथा भाव संवेदनशील होता है और शनि का प्रभाव घरेलू शांति को प्रभावित कर सकता है।

उपाय- घर में मां लक्ष्मी का पूजन करें। परिवार के साथ धैर्य और संवाद बनाए रखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Apr 26, 2025 11:10 AM

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