Shani Sade Sati Analysis: दोस्तों हमारे सनातन धर्म में वेदों में नौ ग्रहों व 27 नक्षत्र का वर्णन किया है। ऋषियों ने बताया है कि नौ ग्रह हमारे जीवन को पूरी तरह प्रभावित करते हैं। हर एक ग्रह अपने हिसाब से हमारे जीवन को साधता है। परंतु शनि देव को लेकर के सभी लोगों के दिमाग में संशय बना रहता है। वैसे तो आम जन शनिदेव को एक क्रूर ग्रह मानते हैं। परंतु शनि देव न्याय के देवता हैं। जो लोग सच्चे हैं व न्याय के पथ पर चलते रहते हैं, उनका शनि देव बहुत साथ देते हैं। शनि की दशा किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 19 वर्ष की होती है लेकिन ज्योतिष के अनुसार शनि की ढैया व शनि की साढे साती किसी भी व्यक्ति की कुंडली को ज्यादा प्रभावित करती है। आइए आज हम शनि की साढे साती के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं और शनि की साढेसाती की पहचान भी बताते हैं व इसके उपाय के बारे में भी चर्चा करते हैं।
शनि साढ़ेसाती की पहचान
अभी हम बात करते हैं कि शनि की साढेसाती की पहचान कैसे होती है। ऐसे में सबसे पहले हमें देखना चाहिए कि हमारी जन्म राशि क्या है। यानी हमारी कुंडली में चंद्र देव जिस राशि में बैठे होते हैं, वही हमारी जन्म राशि होती है। फिर हमें देखना होता है कि गोचर में इस समय शनि किस राशि में विचरण कर रहे हैं। जैसे मैं आप लोगों को बता दूं कि जो लोग ज्योतिष के जानकार हैं वो वह जानते ही होंगे कि शनि देव जनवरी 2020 से कुंभ राशि में विचरण कर रहे हैं और जुलाई 2025 तक वह कुंभ राशि में ही विराजमान रहेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि कुंभ राशि से पहले राशि मकर राशि है और कुंभ राशि के बाद की राशि मीन राशि है। अर्थात जिन लोगों की लगन कुंडली में चंद्र देव अगर मकर राशि में है या कुंभ राशि में है अथवा मीन राशि में हैं तो इन सभी जातकों की कुंडली में शनि की साढेसाती चल रही है। मकर राशि के जातकों पर शनि की साढे साती जनवरी 2023 से शुरू हुई है और जुलाई 2025 तक रहेगी। कुंभ राशि के जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती दिसंबर 2027 तक रहेगी। और मीन राशि के जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती जनवरी 2023 से लेकर जुलाई 2030 तक रहेगी।
साढ़ेसाती का किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव?
जिन जातकों की कुंडली में शनि देव मारक है या शनि देव नीचे की राशि के हैं या शनि देव छठवें, आठवे या बारहवे घर में घर में बैठे हुए हैं तो ऐसे जातकों के लिए शनि देव की साढ़ेसाती गलत असर डालती है। जैसे कर्क लग्न, सिंह लग्न, धनु लग्न व मीन लग्न के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती अच्छी नहीं है। लेकिन इसके साथ-साथ हमें ध्यान रखना होगा कि इस समय धनु राशि, मकर राशि व मीन राशि के जातकों को ही शनि की साढे साती प्रभावित कर रही है।
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शनि साढ़ेसाती के उपाय
जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि शनि देव न्याय के देवता हैं। अतः जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उनको सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सदाचार को अपनाना चाहिए। तामसिक भोजन में तामसिक लोगों से दूर रहना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए व दुराचार से बचना चाहिए।
प्रतिदिन शाम को ॐ शं शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। शनिवार के दिन शाम को शनि मंदिर पर तेल का दिया जलाना चाहिए। रोजाना कुत्ते में गाय को खाना खिलाना चाहिए। किसी घायल कुत्ते का उपचार करना चाहिए। शनिवार के दिन किसी गरीब को भोजन करना चाहिए। सर्दियों में गरीबों को कंबल बांटने चाहिए। गर्मी के दिनों में गरीबों को लाल या काले रंग के मोजे दान करने चाहिए। कोढ़ी व अपंग लोगों की सहायता करनी चाहिए।
ज्योतिषीय भविष्यवाणी
भौगोलिक दृष्टि से मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि शनि देव अपनी राशि मकर में जनवरी 2020 में आ गए थे और जनवरी 2023 से शनि देव कुंभ राशि में आ गए हैं और जुलाई 2025 तक यहीं विराजमान रहेंगे। अर्थात जिन देशों में तामसिक जीवन बिताया जाता है व पशुओं को मारकर खाया जाता है उन देशों को घोर परिणाम भुगतने होंगे। भारत में शनि देव की कृपा बहुत रही है क्योंकि भारत एक सात्विक देश माना जाता है। इसलिए जुलाई 2025 तक भारत विश्व गुरु बनने के पथ पर अग्रसर हो जाएगा। जुलाई 2025 तक अधिकतम योग बनते हैं कि शायद विश्व युद्ध छिड़ जाए। क्योंकि शनि देव अब न्याय करेंगे। अर्थात अन्याय पर न्याय की जीत होगी। राक्षसी प्रवृत्ति के लोग व देश शनि के प्रकोप से बच नहीं पाएंगे। एक नए युग का आरम्भ होने जा रहा है जुलाई 2025 के बाद।
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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।










