Ram Katha Lakshaman Bharat Interesting Story : राम सिया राम …राम मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है और 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का उद्घाटन भी होने जा रहा है। वहीं इस समय सभी लोग श्रीराम के प्रति अभिभूत हैं और चहुंओर राममय वातावरण दिखाई दे रहा है। वहीं आज हम वनवास के दौरान चित्रकुट की रोचक कथा पर चर्चा कर रहे हैं। जब भरत जी पंचवटी में अपने भ्राता श्रीराम और माता जानकी जी से मिलने पहुंचे और वहां मौजूद लक्ष्मण जी शंका करते भरत जी पर क्रोधित हुए।
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वनवास के दौरान भगवान श्रीराम गंगा पार करके चित्रकूट में माता जानकी और अपने अनुज लक्ष्मण जी के साथ निवास करने लगे। वहीं राजकुमार भरत को महाराज दशरथ की मृत्यु के पश्चात उनकी ननिहाल से अयोध्या बुलाया जाता है। पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद जब गुरु वशिष्ठ और सभी मंत्री आदि उनसे राज्यभिषेक के बारे में चर्चा करते हैं, तो भरत जी अपना राज्यभिषेक कराने से मना कर देते हैं और कहते हैं कि मैं तो श्रीराम का दास हूं और इस राज्य पर तो श्रीराम का ही अधिकार है।भरत के इस प्रकार मना करने पर वे अयोध्या के मंत्रियों और गुरु वशिष्ठ आदि को साथ लेकर राज्यभिषेक की समस्त सामग्री संग ले वन के लिए चल देते हैं।
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वहीं वन में सेना सहित भरत के आने की सूचना मिलने पर लक्ष्मण जी क्रोधित हो जाते हैं और श्रीराम से भरत पर आक्रमण करने की सलाह देते हैं। जिसके बाद श्रीराम लक्ष्मण जी को समझाते हैं और कहते हैं कि हे लक्ष्मण तू मेरे भरत को नहीं जानता भरत जैसा धर्मात्मा तो कई युगों में पैदा होता है, उसे राज्य आदि का कोई लोभ नहीं है। वह तो मेरा परम भक्त है। इसके बाद लक्ष्मण जी अपने किए पर शर्मिन्दा हो जाते हैं और श्रीराम के साथ-साथ भरत जी से माफी मांगते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।