Ram Katha Interesting Facts: राम सिया राम… अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका है और 22 जनवरी 2024 को उद्घाटन होने वाला है। राम मंदिर उद्घाटन के संबंध में हम श्रीराम के कुछ किस्सों के बारे में जिक्र कर रहे हैं। रामचरित मानस या रामायण की जब भी बात आती है तो सबसे पहले राम और लक्ष्मण दोनों भाईयों का जिक्र जरूर होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण से बेहद प्रेम करते थे। साथ ही लक्ष्मण भी अपने बड़े भाई श्रीराम के हर सुख-दुख में साथ रहते थे।
जब भगवान श्रीराम 14 वर्षों के लिए वनवास जा रहे थे उस समय भी लक्ष्मण उनका साथ दिया। वनवास के दौरान जंगल में इधर उधर भटकना, रात-रात भर जग कर बड़े भाई राम की सेवा करना। उसके बाद 14 वर्ष पूरे होने के बाद भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या लौट आए। अयोध्या में उनका धूमधाम से स्वागत भी हुआ। उसके बाद भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी हुआ। लेकिन क्या आपको पता है जब श्रीराम जी के राज्याभिषेक हुआ था उस समय उनके प्रिय भ्राता लक्ष्मण साथ नहीं थे। लक्ष्मण राज्याभिषेक में शामिल नहीं हुए थें। इसकी वजह क्या थी आइए इस खबर में विस्तार से जानते हैं।
यह भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं श्रीराम की बड़ी बहन का नाम? पढ़ें रोचक किस्से
क्यों शामिल नहीं हुए थे राम के राज्याभिषेक में लक्ष्मण जी
मान्यताओं के अनुसार, जब श्रीराम का राज्याभिषेक हो रहा था उस समय पूरे अयोध्या में खुशी के लहर दौड़ रही थी। साथ ही पूरी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी हुई थी। चारों ओर अद्भुत नजारे बने हुए थे। राजा राम का राज्याभिषेक करने देश-विदेश के राजा-महाराज ही नहीं बल्कि देवी-देवता भी शामिल हुए थें। लेकिन अफसोस इस बात की है कि श्रीराम के प्रिय भाई अनुज लक्ष्मण चाहकर भी राज्याभिषेक में शामिल नहीं हो पाएं। भगवान श्री राम के राज्याभिषेक में लक्ष्मण जी निद्रा में लीन थे। वह चाहकर भी अपने बड़े भाई राम के राज्यतिलक में शामिल नहीं हो पाए थें। मान्यता है कि वह निद्रा देवी के वचन से वाद्य थे।
यह भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं भगवान राम के धनुष का नाम? अर्जुन-श्रीकृष्ण का भी जान लें
राज्याभिषेक में शामिल न होने के पीछे क्या थी वजह
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब श्रीराम जी 14 वर्ष के लिए वनवास पर जा रहे थे तो उस समय लक्ष्मण ने निद्रा देवी से वरदान मांगा कि उन्हें 14 वर्ष तक नींद न आए। उन्होंने निद्रा देवी से 14 वर्षों तक जागने का वरदान मांग लिया। ताकि वह अपने बड़े भाई और भाभी की सेवा कर सकें। निद्रा देवी ने लक्ष्मण के इस तरह बड़े भाई के प्रति समर्पण और प्रेम को देखकर प्रसन्न हो गई और उन्होने लक्ष्मण को वरदान दे दिया। लेकिन निद्रा देवी ने एक शर्त रखी थीं कि वे जैसे ही 14 वर्ष का वनवास खत्म करके आएं, वैसे ही उन्हें सोना होगा। लक्ष्मण ने उनकी यह शर्त मान ली।
यह भी पढ़ें- श्रीराम ने क्यों मारा महाबली बालि को बाण, जानें ये रोचक कथा
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।