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Putrada Ekadashi: 2 जनवरी को है पुत्रदा एकादशी पर ऐसे करें पूजा, सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी

Putrada Ekadashi: इस बार आने वाला वर्ष 2023 कई मायनों में बहुत ही खास है। नए वर्ष की शुरूआत ही एकादशी से हो रही है। साथ ही एक जनवरी और 2 जनवरी दोनों दिन बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार 1 जनवरी 2023 को सायं 7.11 बजे एकादशी आरंभ हो जाएगी। […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jun 12, 2023 18:12
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Putrada Ekadashi: इस बार आने वाला वर्ष 2023 कई मायनों में बहुत ही खास है। नए वर्ष की शुरूआत ही एकादशी से हो रही है। साथ ही एक जनवरी और 2 जनवरी दोनों दिन बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार 1 जनवरी 2023 को सायं 7.11 बजे एकादशी आरंभ हो जाएगी। यह अगले दिन रात्रि 8.23 बजे तक रहेगी।

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार एक जनवरी की शुरूआत पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से हो रही है। इसे पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से निःसंतान को भी संतान प्राप्त होती है। पुत्रदा एकादशी करने वालों को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है, अतः इसे बैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है।

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क्या है बैकुंठ एकादशी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi Puja Muhurat) निम्न प्रकार हैं-

एकादशी आरंभ होने का समय – 1 जनवरी 2023 को सायं 7.11 बजे
एकादशी के समापन का समय – 2 जनवरी 2023 को रात्रि 8.23 बजे

एकादशी का व्रत उगते सूर्य में किया जाता है। अतः व्रत और पूजा का मुहूर्त 2 जनवरी को मान्य होगा। वैसे तो पूरा दिन ही शुभ योग बने हुए हैं। फिर भी एकादशी पूजा के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त या शुभ चौघड़िया निम्न प्रकार हैं

सुबह 7.16 बजे से 8.30 बजे तक – अमृत का चौघड़िया
सुबह 9.53 बजे से 11.12 बजे तक – शुभ का चौघड़िया
दोपहर 3.08 बजे से सायं 5.45 बजे तक – लाभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेंगे।

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क्या है एकादशी व्रत एवं पूजा विधि

इस दिन निर्जला व्रत किया जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें पूजा में तुलसी, पुष्प, माला, नैवेद्य, पंचामृत, फल आदि अर्पित करें। स्वयं पूरे दिन निर्जल और निराहार व्रत करें, अर्थात् पूरे दिन न तो कुछ खाना है, न ही कुछ पीना है। साथ ही किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं। यदि सामर्थ्य हो तो इस दिन आप किसी विद्वान पंडित से लक्ष्मीनारायण यज्ञ भी करवा सकते हैं। इस यज्ञ से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को समस्त प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।

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पुत्रदा एकादशी पर ध्यान रखें ये नियम

शास्त्रों में Putrada Ekadashi का व्रत करने वालों के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाए तो व्रत निरर्थक हो जाता है। ये नियम निम्न प्रकार हैं

  • पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। मन में किसी भी प्रकार का मानसिक या कामुक विकार न लाएं।
  • इस दिन किसी भी व्यक्ति, महिला, बुजुर्ग, पशु, पक्षी आदि का अपमान न करें। ऐसा करने पर व्रत निष्फल हो जाता है।
  • यथासंभव किसी गरीब व्यक्ति या भिखारी को भोजन अवश्य कराएं। यदि ऐसा संभव न हो तो गाय व कुत्ते को रोटी डाल सकते हैं। अथवा पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Dec 31, 2022 03:54 PM
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