Navratri 2023 Maa Kushmanda Aarti And Stuti: शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलती है। साथ ही घर में धन संपदा की प्राप्ति भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टभुजा वाली मां कुष्मांडा की को लाल पीला रग बेहद ही प्रिय होता है। इसलिए पीले कमल का फूल अर्पित करने से मां कुष्मांडा प्रसन्न होती है। साथ ही अपनी कृपा बनाए रखती है। तो आइए आज इस खबर में मां कुष्मांडा की स्तुति मंत्र, प्रार्थना और आरती के बारे में जानते हैं।
मां कूष्मांडा की स्तुति मंत्र (Maa Kushmanda Ki Stuti Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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मां कूष्मांडा की प्रार्थना (Maa Kushmanda Ki pray)
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां कूष्मांडा बीज मंत्र (Maa Kushmanda Ki Beej Mantra)
ऐं ह्री देव्यै नम:
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मां कूष्मांडा की आरती (Maa Kushmanda Ki Aarti)
कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥
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