Thursday, 28 March, 2024

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Navratri 2022: इस बार नवरात्रि पर शुक्ल और ब्रह्म योग का बन रहा है अद्भुत संयोग, जानें- महत्व

Navratri 2022: इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन समाप्त होंगे। इस बार शारदीय नवरात्रि नौ दिनों की है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना गया है। इसके साथ ही शारदीय नवरात्रि में इस बार दो बेहद शुभ संयोग में पधार रही हैं। नवरात्रि पर शुक्ल […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 21, 2022 12:28
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Navratri 2022

Navratri 2022: इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन समाप्त होंगे। इस बार शारदीय नवरात्रि नौ दिनों की है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना गया है।

इसके साथ ही शारदीय नवरात्रि में इस बार दो बेहद शुभ संयोग में पधार रही हैं। नवरात्रि पर शुक्ल और ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल व ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक नवरात्रि के पहले दिन 26 सितंबर को शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्ल और ब्रह्म योग में पूजा काफी शुभ और फलदायी होता है।

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शुक्ल योग 25 सितंबर को सुबह 09.06 से नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 08.06 बजे तक रहेगा। जबकि 26 सितंबर 2022 को सुबह 08.06 से ब्रह्म योग बन रहा है जो अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 06.44 तक रहेगा।

इतना ही नहीं इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर वापस लौटेंगी। यानी इस बार मां दुर्गा का वाहन हाथी है। दरअसल रविवार और सोमवार से जब नवरात्रि प्रारंभ होती हैं, तो माता वाहन के रूप में हाथी पर विराजमान होकर आती हैं।

वहीं यदि मां दुर्गा की विदाई बुधवार या शुक्रवार को होती है तब भी उनका वाहन हाथी होता है। ऐसे में इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और वह हाथी पर विदा भी होंगी। मां दुर्गा की सवारी शुभ होने वाली है जिससे भविष्य में सुख व समृद्धि आएगी। यानी मां दुर्गा के आगमन के साथ ही खुशियों की बहार भी आएगी।

धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं। नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है, और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है।

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आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप से अलग-अलग मनोरथ पूर्ण होते हैं। यह पर्व नारी शक्ति की आराधना का पर्व है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है।

मान्यता है कि इन दिनों में मां की भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इतना ही नहीं, ये नौ दिन सभी भक्तिमय रंग में रंग जाते हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखे जाते हैं।

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First published on: Sep 21, 2022 06:52 AM

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