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Navratri 2022: नवरात्रि के चौथे दिन ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति

Navratri 2022: आज नवरात्रि का चौथा दिन है। नवरात्रि के चौथे माता के चौथे स्वरुप देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 29, 2022 12:01
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Kushmanda Mata

Navratri 2022: आज नवरात्रि का चौथा दिन है। नवरात्रि के चौथे माता के चौथे स्वरुप देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है।

इस देवी की आठ भुजाएं हैं। इसलिए अष्टभुजा कहा जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं । आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा।

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इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है।

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अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।

विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। ये देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।

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ऐसे करें माता कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा करने से पहले खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। मां कूष्मांडा की पूजा के लिए गेरुए रंग के कपड़े पहनकर की जाती हैं। इस दिन साधक का ध्यान अनाहत चक्र में स्थापित होता है। मां कूष्ठमांडा हरी इलाइची औऱ सौंफ से प्रसन्न होती है।

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Edited By

Pankaj Mishra

First published on: Sep 29, 2022 05:21 AM

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