वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जिस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं, यह घटना मेष संक्रान्ति कहलाती है। मेष संक्रान्ति को ‘महाविषुव संक्रान्ति’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से सौर नववर्ष आरंभ होता है, जो हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में बेहद मान्य है। पारंपरिक रूप से सूर्य के मेष राशि में गोचर से गर्मी के मौसम की शुरुआत हो जाती है।
मेष संक्रान्ति से ग्रीम ऋतु आरंभ होने का का ज्योतिष कारण यह बताया जाता है कि सूर्य स्वयं ऊष्मा और ऊर्जा के स्रोत हैं। वहीं मेष राशि मंगल की राशि है, जो स्वयं अग्नि तत्व वाली राशि है। साथ ही, इसके राशि स्वामी मंगल ऊर्जा, अग्नि और बिजली के कारक और स्वामी ग्रह हैं। मेष राशि में सूर्य गोचर से सूर्य का तेज बहुत बढ़ जाता है, जिससे ऋतु परिवर्तन होता है। आइए जानते हैं, दो बेहद ऊर्जावान ग्रहों के प्रभाव से इस नए सौर नववर्ष में देश दुनिया के क्या हालात होंगे, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संबंध कैसे होंगे, मौसम और पर्यावरण पर क्या असर पड़ेगा?
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बढ़ेंगी बीमारियां
इस साल मेष संक्रांति के दौरान सूर्य और मंगल दोनों ऊर्जावान ग्रह एक साथ प्रभावी होंगे। गर्मी और ऊष्मा का स्तर असामान्य रूप से बढ़ने की संभावना है। इससे तापघात यानी हीट स्ट्रोक, चर्म रोग, एलर्जी और वायरल इन्फेक्शन जैसी बीमारियों में वृद्धि हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
बढ़ेंगे अपराध और अनाचार
मंगल ग्रह जहां साहस और ऊर्जा का प्रतीक है, वहीं यह उग्रता और हिंसा का भी कारक है। सूर्य के साथ इसका प्रभाव बढ़ जाने से समाज में तनाव, गुस्सा और असंतोष का माहौल बन सकता है। ऐसे में अपराध दर बढ़ने और सामाजिक अस्थिरता की संभावना है। समाज में अनाचार और अत्याचार बढ़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में, यह संक्राति चोरों के लिए अच्छी बताई गई है।
देशों में होगा युद्ध
इस समय ग्रहों की स्थिति यह संकेत दे रही है कि कई देशों के बीच आपसी रिश्तों में खटास आ सकती है। सीमाओं पर तनाव, डिप्लोमैटिक विवाद और कुछ स्थानों पर सीमित युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है। यह समय अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। राजनीतिक हत्याएं भी हो सकती हैं।
बारिश के अभाव से खेती पर असर
मेष संक्रांति के बाद आने वाले महीनों में बरसात की कमी के संकेत मिल रहे हैं। यदि मानसून सामान्य नहीं रहा तो इससे खेती-किसानी पर गहरा असर पड़ सकता है। फसलों की पैदावार में गिरावट से अकाल जैसी स्थिति भी बन सकती है, खासकर सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में। इससे अकाल की आने की आशंका है।
महंगाई से जनता होगी परेशान
जब मौसम, फसल और राजनीति तीनों असंतुलित हो जाएं, तो आर्थिक स्थिति पर उसका सीधा असर पड़ता है। इस साल खाद्य वस्तुओं, ईंधन और दवाइयों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। जिससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
भूकंप, बाढ़ से लोग होंगे परेशान
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस सौर वर्ष में भूकंप, बाढ़ और अचानक आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बनी हुई है। खासकर समुद्री क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस साल के भूकंप के लिए इस साल के सूर्य ग्रहण भी उत्तरदायी होंगे।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।