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इस ग्रह दोष से होता है भाई-भाई में झगड़ा, नहीं बन पाता है अपना मकान, जानें ज्योतिष उपाय

Mangal Dosh Upay: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कुंडली में मंगल ग्रह का मजबूत होना जरूरी है, अन्यथा व्यक्ति के व्यक्तित्व में आत्मविश्वास, साहस और ऊर्जा का अभाव रहता है। व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर और थका हुआ होता है। वाहन, भवन आदि के कारक ग्रह मंगल ही हैं। आइए जानते कुंडली में कमजोर मंगल को दूर करने के उपाय।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jul 15, 2024 20:54
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Mangal Dosh Upay: वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला ग्रह बताया गया है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कुंडली में मगल ग्रह का मजबूत होना आवश्यक है। जिनकी कुंडली में मंगल बली यानी मजबूत होते हैं, वे व्यक्ति शारीरिक रूप से बलशाली, नेतृत्व के गुणों से युक्त और एडवेंचर प्रिय होते हैं। किसी भी काम को एक रणनीति के तहत करना इनकी आदत होती है। आइए जानते हैं, मंगल ग्रह का जीवन में महत्व क्या है, ये कुंडली में कब अशुभ माने गए हैं और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए किन उपायों से मंगल दोष को समाप्त कर सकते हैं?

जीवन में मंगल ग्रह का महत्व

मंगल वैदिक ज्योतिष के एक बड़े और प्रभावशाली ग्रह हैं, जिनका जीवन पर प्रत्यक्ष असर होता है। मंगल को ग्रहों के सेनापति की उपाधि दी गई हैं। इनको भुमि पुत्र भी कहते हैं। यह ग्रह साहस, ऊर्जा, शक्ति, पराक्रम, भूमि और अन्य अचल संपत्ति, वाहन, परिवहन, बड़ा भाई-बहन, युद्ध, पुलिस, सेना, कार्यक्षेत्र, पौरुष, रसोई की अग्नि, घाव, चोट, दुर्घटना, अस्त्र-शस्त्र का कारक है। इस ग्रह का व्यक्ति के व्यक्तित्व, करियर, वित्त, विवाह और स्वास्थ्य पर सीधा नियंत्रण होता है। मंगल ग्रह के शुभ और अशुभ होने जीवन के इन पहलुओं पर व्यापक असर होता है।

मंगल ग्रह कब होते हैं अशुभ?

कहते हैं कि जब मंगल सही होता है, सब कुछ मंगलमय होता है। लेकिन जब ये कुंडली में अशुभ और कमजोर होते हैं, तो तब वे अपना श्रेष्ठ फल नहीं पाते हैं। इसे ज्योतिष शास्त्र में ‘मंगल बाधा’ कहा गया है। जब यह ग्रह कुंडली में कमजोर स्थिति में होता है, या कुछ विशेष भावों में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष के रूप में जाना जाता है। मंगल तब सबसे ज्यादा अशुभ होते हैं, जब वे नीच के होकर कर्क राशि में होते हैं। साथ ही, जब मंगल कुंडली के पहले, दूसरे, 6ठे, 8वें या 12वें में होते हैं, तब वे अशुभ होते हैं। जब इन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि होती है, तब भी अपना पूर्ण फल दे पाने में अक्षम होते हैं।

मंगल दोष से वाहन दुर्घटना, विवाह में अड़चन, दाम्पत्य जीवन में कलह, स्वास्थ्य और करियर नकारात्मक असर पड़ता है। कमजोर मंगल रक्त से संबंधित रोगों, चोटों और दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। जिस जातक (व्यक्ति) की कुंडली में मगल दूषित होते है, आत्मबल, निस्तेज, दुर्बल, दब्बू और सुख-सुविधा से विहीन रहता है। बड़े भाई और बहन से झगड़ा, जमीन-जायदाद का विवाद और मकान आदि से जुड़े विवाद और मामले के पीछे मंगल की ग्रह की निर्णायक भूमिका होती है।

लाल रंग की वस्तुओं पर मंगल ग्रह का स्वामित्व माना गया है।

मंगल दोष दूर करने के उपाय

व्रत रखना: मंगलवार का व्रत रखना और इस दिन को भगवान हनुमान जी की विधिवत पूजा करना और लाल रंग के वस्त्र धारण करने से मंगल दोष समाप्त हो जाते हैं।

लाल रंग की वस्तुओं का उपयोग: लाल रंग मंगल ग्रह का रंग है। लाल रंग की वस्तुओं, जैसे कि लाल कपड़े, लाल धागा और लाल रंग के फल, का उपयोग करने से मंगल ग्रह को मजबूती मिलती है। शारीरिक शक्ति और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

मंत्रों का जाप: मंगल ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप, जैसे कि “ॐ मंगलाय नमः” या “ॐ क्रां क्रां मंगलाय नमः”, मंगल ग्रह को मजबूत करने में मदद करते हैं।

दान-पुण्य करना: मंगलवार को गुड़, लाल कपड़े, तांबे के बर्तन या मसूर दाल दान करना शुभ माना जाता है। इससे मंगल दोष कम होता है।

रत्न धारण करना: लाल मूंगा मंगल ग्रह का मुख्य रत्न है। इसे मंगलवार को विधि-विधान से धारण करने से लाभ होता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले योग्य और अनुभवी ज्योतिष या पंडित से सलाह अवश्य कर लेनी चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 15, 2024 08:54 PM

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