Lohe ka Challa: भारतीय ज्योतिष शास्त्र में धातुओं का विशेष महत्व है और इनमें से कई धातु ग्रहों के गुण-धर्म के अनुसार निश्चित की गए हैं। लोहे की अंगूठी या छल्ला पहनना भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देखा गया है कि कुछ लोग इसे पहनकर जबरदस्त लाभ पाते हैं, तो वहीं कुछ के लिए यह हानिकारक साबित होता है। आइए जानें कि लोहे की अंगूठी पहनना किसके लिए शुभ होता है, किसके लिए अशुभ और इसे किस उंगली में धारण करना चाहिए।
लोहे की अंगूठी पहनने के फायदे
ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार, लोहे के छल्ले को मामूली समझना एक बड़ी भूल है। यह नवग्रहों में एक सबसे प्रभावशाली ग्रह शनि को समर्पित होता है। कहते हैं, जिनकी लोहा धातु सूट करता है, उन व्यक्तियों को कभी धन, सामर्थ्य और शक्ति की कमी नहीं होती है। इसे धारण करने वाला मालामाल होता है और तिजोरी हमेशा भरी रहती है।
आपको बता दें कि हाथ की बड़ी ऊंगली यानी मध्यमा उंगली को शनि की उंगली कहा जाता है। जिन लोगों के ऊपर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की महादशा या राहु-केतु की महादशा चल रही होती है, उनको लोहे की अंगूठी पहनने से लाभ होता है। इसके साथ ही जिसे बार-बार नजर लग जाती है यानी नाज दोष से परेशान रहते हैं , उनको भी लोहे का छल्ला सुरक्षा प्रदान करता है।
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लोहे की अंगूठी पहनने के नुकसान
वहीं यह भी देखा गया है कि जिन लोगों को शनि का यह छल्ला सूट नहीं करता है, वे करोड़पति से देखते-देखते रोडपति बन जाते हैं। शनि के कारण जब ऐसे लोगों की ग्रह दशा खराब होती है, तो वे कंगाली और बदहाली का जीवन जीने को बाध्य होते हैं।
लोहे की अंगूठी पहनने के नियम
ज्योतिष शास्त्र में लोहे की अंगूठी पहनने के नियम को बहुत सुस्पष्ट तरीके से बताया गया है, जिसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहिए।
- शनिवार को सूर्यास्त के बाद अंगूठी धारण करना चाहिए।
- इसे शुद्ध करने के लिए तिल के तेल या सरसों के तेल में डुबोकर पहनना चाहिए।
- अंगूठी पहनने से पहले शनि देव की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
- लोहे की अंगूठी अमावस्या, ग्रहण या अशुभ मुहूर्त में नहीं पहननी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।