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विवाह के समय क्यों मिलाया जाता है कुंडली, जानें ज्योतिष कारण

Kundali Milan Kyu Jaruri Hai: हिंदू धर्म में विवाह के समय कुंडली मिलान करने की मान्यता है। कहा जाता है कि कुंडली मिलान से वैवाहिक जीवन खुशी से व्यतीत होता है। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Dec 7, 2023 14:34
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Kundali Milan
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Kundali Milan Kyu Jaruri Hai: सनातन धर्म में 16 संस्कार होते हैं, उनमें से एक है विवाह संस्कार। विवाह संस्कार का उद्देश्य दो लोगों का मिलन होता है। साथ ही श्रेष्ठ संतान उत्पन्न कर वंश को आगे बढ़ाना भी माना गया है। इस कार्य में वर और वधु की जीवन का आधार है। शास्त्र में भी कहा जाता है कि नारी के बिना पुरुष अधूरा माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुरुषार्थ चार प्रकार के माने गए हैं, पहला है धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष। किसी भी पुरुष में यदि ये तीन पुरुषार्थ हैं तो यह नारी पाने की अहम भूमिका होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुरुष की तुलना में नारी अहम और अग्रणी होती है, इसलिए विवाह के समय अग्नि को साक्षी मानकर वर और वधु एक साथ फेरे लेते हैं, जिसमें तीन फेरों में वधू आगे चलती है। इसके बाद चार फेरों में वर आगे रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह संस्कार जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए सबसे पहले कुंडली मिलान जैसे कार्य होते हैं। इसके लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है। तभी वैवाहिक जीवन खुशी से व्यतीत होता है। तो आज इस खबर में जानेंगे विवाह संस्कार में आखिर क्यों कुंडली मिलान जरूरी होता है। आइए विस्तार से जानते हैं।

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क्यों जरूरी है कुंडली मिलान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह संस्कार की प्रक्रिया में सबसे पहले कुंडली मिलान होता है। मान्यता है कि कुंडली मिलान करके शादी करने से वैवाहिक जीवन की गारंटी होती है। वहीं जो जातक बिना कुंडली मिलान किए विवाह करते हैं, उनका दांपत्य जीवन में खुशहाली नहीं रहती है। पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी विवाद शुरू होने लगती है। शास्त्र के अनुसार, कुंडली मिलान का मुख्य कारण ग्रहों को आपस में मिलान करना होता है। वहीं जब ग्रह आपस में नहीं मिल पाते हैं, तो जीवन में तरह-तरह की समस्याएं होने लगती है।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली मिलान में ग्रहों और नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या और वर की कुंडली जन्म के समय नक्षत्र व ग्रहों के आधार पर वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह, गण, भकूट और नाड़ी आदि के परस्पर मिलान को देखा जाता है। कुंडली मिलान से वर और वधू दोनों का स्वभाव और आचार-विचार मिलाया जाता है। ताकि बाद में दोनों के बीच टकराव पैदा न हो।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Raghvendra Tiwari

First published on: Dec 07, 2023 02:34 PM

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