Kartik Maas 2023 Tulsi Puja Mistakes: शास्त्रों में कार्तिक मास को बेहद पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा सर्वोपरि मानी गई है। इसके अलावा कार्तिक मास में तुलसी की पूजा का भी विशेष विधान बताया गया है। दरअसल कार्तिक मास की एकादशी तिथि पर जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं तो मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। कार्तिक मास में तुलसी पूजन की भी परंपरा है। साथ ही साथ ही इस महीने में दीपदान का भी विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व है। कार्तिक मास को लेकर मान्यता यह भी है कि इस महीने में मां लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं और भक्तों को अपार धन प्रदान करती हैं। तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, यही वजह है कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
कार्तिक मास 2023:तुलसी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, वैसे तो तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार के दिन लगाया जा सकता है लेकिन कार्तिक मास इस कार्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है। धर्म-शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा और तुलसी विवाह संपन्न कराने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यतानुसार, कार्तिक मास में तुलसी के पौधे को घर के आंगन में लगाना चाहिए। इसके अलावा इसे बेडरूम से जुड़े बालकनी में भी लगा सकते हैं। कार्तिक मास में रोजाना तुलसी में जल देकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा कार्तिक मास में नियमित रूप से शाम के समय तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। मान्यतानुसार कार्तिक मास में तुलसी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में ही करनी चाहिए। कार्तिक मास में मंगलवार के दिन तुलसी में जल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है।
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तुलसी पूजा से जुड़ी सावधानियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में तुलसी के पत्ते सुबह ही तोड़ने चाहिए। बाकी समय तुलसी के पत्तियों को तोड़ना अशुभ माना गया है। कार्तिक मास में रविवार के दिन तुलसी के नीचे दीपक नहीं जलाने चाहिए। कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा में उन्हें तुलसी के पत्ते जरूर अर्पित करने चाहिए। वहीं भूलकर भी भगवान गणेश और मां दुर्गा को तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए। ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते। ऐसे में पुराने पत्तों को भी पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।