केतु एक छाया ग्रह है जो हमेशा वक्री गति यानी एक चाल पीछे चलते हैं। केतु को आध्यात्मिकता, वैराग्य, मोक्ष और पूर्व जन्म के कर्मों का प्रतीक माना जाता है, जो व्यक्ति की आंतरिक सोच और आत्मिक विकास से जुड़ा है। इसका स्वभाव मंगल जैसा तेज और साहसी होता है लेकिन अंदर से असमंजस में रहता है। केतु जिस राशि में होता है, उस राशि के स्वामी जैसा ही प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर डालता है। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि केतु सिर्फ अशुभ फल ही दे। केतु गोचर का शुभ प्रभाव भी राशियों के ऊपर पड़ता है।
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि 18 मई 2025 को केतु ने किस राशि में गोचर किया है। साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि 12 राशियों के जातकों के ऊपर करीब डेढ़ साल तक केतु गोचर का कैसा प्रभाव पड़ेगा।
किस राशि में केतु ने किया गोचर?
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, 18 मई 2025 को केतु कन्या से निकलकर सिंह राशि में आ चुके हैं। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। केतु और सूर्य की शत्रुता है। करीब डेढ़ साल तक केतु इसी राशि में रहेंगे। 5 दिसंबर 2026 तक केतु सिंह राशि में रहेंगे। इसके बाद वो कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
केतु के कमजोर होने पर होती हैं ये परेशानियां
केतु के कमजोर होने से व्यक्ति को हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने के साथ-साथ पैरों-जोड़ों में दर्द, नसों में कमजोरी, पेशाब-कान से जुड़ी बीमारी, आकस्मिक रोग, रीढ़ की हड्डी में तकलीफ, शुगर, बुरे सपने आना या हार्निया जैसे रोग परेशान करते हैं। इसके अलावा कुत्ते के काटने का खतरा भी बना रहता है।
केतु गोचर का राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
- मेष राशि के 5वें भाव में केतु का गोचर हुआ है, जो उनके लिए शुभ नहीं है।
- मन में अज्ञान, आशंका और चिंता बन सकती है।
- तंत्र-मंत्र में रुचि बहुत बढ़ेगी।
- पुराने काम परेशान कर सकते हैं।
- कार्यक्षेत्र में तरक्की के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
- पैसे उधार दिए थे तो मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं।
- पैसों की तंगी भी परेशान करेगी।
- वैवाहिक जीवन और रिश्तों में टकराव की स्थिति बनेगी।
- धोखा मिलने की संभावना है।
- बच्चों की सेहत प्रभावित हो सकती है।
उपाय-
- हर मंगलवार किसी मंदिर में तिकोना झंडा चढ़ाएं।
- दो रंग वाले कंबल का दान करें।
- गुरुवार या एकादशी का व्रत रखें।
- मंदिर में श्रमदान करें।
वृषभ राशि
- केतु गोचर का प्रभाव आपके चौथे भाव में पड़ेगा, जिसके कारण घर में अशांति रहेगी।
- गलतफहमियां और अनावश्यक संघर्ष बढ़ सकते हैं।
- घर का माहौल तनावपूर्ण रहेगा।
- घर छोड़कर जाने का मन कर सकता है।
- मां के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहेगी।
- आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है।
- लालच में आकर किसी भी तरह का निवेश न करें।
उपाय-
- केतु के बीज मंत्र का जाप करें।
- नारियल या उड़द की दाल का दान करें।
- मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
यदि आप जानना चाहते हैं कि अन्य 10 राशियों के जीवन पर केतु गोचर का कैसा प्रभाव पड़ेगा तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।