Kaalchakra: बाबा भोलेनाथ को औघड़ दानी कहा गया है। सृष्टि का कोई भी जीव उनकी आराधना करें तो वे बिना सोचे-समझे वर दे देते हैं। यही कारण है कि समस्त देवगण, राक्षस, गन्धर्व, किन्नर, मनुष्य, भूत, प्रेत, पिशाच सभी उनकी शरण लेते हैं। उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र तथा अन्य उपाय भी बताए गए हैं।
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पंडित सुरेश पांडेय के अनुसार यदि विधिवत तरीके से रावणकृत ‘शिव तांडव स्तोत्र’ का पाठ किया जाए तो यह व्यक्ति के भाग्य को बदल सकता है। रामायण में एक प्रसंग आता है जब रावण ने अत्यधिक पीड़ा और दुख के समय भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी। इस स्तोत्र को सुनते ही भोलेनाथ ने तुरंत रावण को दुख से मुक्ति दे दी थी। आप भी जानिए कि किस प्रकार इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ताकि आपके जीवन में बरकत हो, पैसा बरसें और आप हर मनचाहा सुख प्राप्त कर सकें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।