jitiya vrat 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जितिया का व्रत विवाहित महिलाएं करती है। जितिया का व्रत महिलाएं पुत्र की प्राप्ति और उसकी लंबी आयु के लिए रखती है। इसके साथ ही पुत्र की सुख-समृद्धि के लिए करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं जितिया व्रत निर्जला रखती है। इसके साथ ही शाम के समय विधि-विधान से जीवित वाहन देवता की पूजा करती है। तो आज इस खबर में जानेंगे जितिया व्रत पर करने वाले कुछ मंत्रों के बारे में और आरती! तो आइए जानते हैं।
जितिया व्रत का पूजा मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
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जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत की आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप….
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप…
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।